(शिक्षाविद निर्भय गौड़ की रिपोर्ट)
देखिए काशी के अस्सी घाट पर 'सुबह-ए-बनारस' मंच द्वारा शास्त्रीय संगीत के साथ आज सुबह की गंगा आरती की एक झलक
सुबह की आरती निर्बाध रूप से जारी है । ज्ञातव्य है जैसे ही सुबह के अलावा संध्या आरती की तैयारी सुबह-ए-बनारस द्वारा नए घाट पर की गई तो सैकड़ों की संख्या में बटुक, बनारस पंडा और पुरोहित विरोध प्रदर्शन करते हुए आरती स्थल पर पहुंचकर हाथों में पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया.
गंगा समग्र काशी प्रांत संयोजक चंद्रशेखर मिश्रा ने बताया कि यह विश्व प्रसिद्ध संध्या आरती का व्यापारीकरण है. यह नई आरती आध्यात्मिक नहीं है. मान्यता के अनुसार काशी के पौराणिक घाटों पर पूजा-पाठ और आरती का अधिकार केवल यहां के पंडा और पुजारियों को है. इस तरह रहा तो लोग रोज नई-नई संस्था बनाकर गंगा आरती प्रारंभ कर देंगे. ऐसे में पंडा और पुरोहित क्या करेंगे।

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