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धमाका नम आँख: 17 तोपों की सलामी के साथ होगा जनरल बिपिन रावत का अंतिम संस्कार, 800 सैनिक रहेंगे मौजूद

शुक्रवार, 10 दिसंबर 2021

/ by Vipin Shukla Mama
दिल्ली। तमिलनाडु हेलिकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वाले सीडीएस बिपिन रावत का अंतिम संस्कार आज दिल्ली कैंट स्थित बराड़ चौक पर किया जाएगा। चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ का अंतिम संस्कार पूरे मिलिट्री सम्मान के साथ किया जाएगा। उन्हें 17 तोपों की सलामी दी जाएगी और इस दौरान करीब 800 सैनिक मौजूद रहेंगे।
सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए उनके सरकारी आवास पर रखा गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई गणमान्य लोग सीडीएस बिपिन रावत को श्रद्धांजलि देने उनके आवास पर पहुंचे। इसी हादसे में जान गंवाने वाले ब्रिगेडियर लिड्डर का अंतिम संस्कार दिल्ली कैंट स्थित बराड़ स्क्वायर में किया गया। अंतिम संस्कार के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दिल्ली कैंट स्थित बराड़ स्क्वायर में मौजूद रहे।
हमें उन्हें हंसते हुए एक अच्छी विदाई देनी चाहिए, ब्रिगेडियर लिड्डर को विदा कर बोलीं उनकी पत्नी
शुक्रवार को ब्रिगेडियर एल एस लिड्डर को अंतिम विदाई दी गई और दिल्ली कैंट स्थित बराड़ स्क्वायर में उनका अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के बाद ब्रिगेडियर लिड्डर की पत्नी गीतिका लिड्डर ने कहा कि हमें उन्हें हंसते हुए एक अच्छी विदाई देनी चाहिए। मैं एक सैनिक की पत्नी हूं। ज़िंदगी बहुत लंबी है, अब अगर भगवान को ये ही मंजूर है तो हम इसके साथ ही जिएंगे। हम उनकी ऐसी वापसी नहीं चाहते थे। वो एक बहुत अच्छे पिता थे, बेटी उन्हें बहुत याद करेगी। ये एक बहुत बड़ा नुकसान है।
ब्रिगेडियर लिड्डर की बेटी ने अपने पिता को किया याद, बोली- पापा मेरे बेस्ट फ्रेंड थे और मेरे हीरो थे
शुक्रवार को तमिलनाडु हेलिकॉप्टर हादसे में शहीद ब्रिगेडियर लिड्डर का अंतिम संस्कार दिल्ली कैंट में किया गया। उनकी 16 वर्षीय बेटी आशना लिड्डर ने उनको मुखाग्नि दी। मुखाग्नि देने के बाद अपने पिता को याद करते हुए ब्रिगेडियर लिड्डर की बेटी ने कहा कि मैं 17 साल की होने वाली हूं। मेरे पापा मेरे साथ 17 साल तक रहे, हम उनकी अच्छी यादें अपने साथ लेकर चलेंगे। ये एक राष्ट्रीय क्षति है। मेरे पापा मेरे बेस्ट फ्रेंड थे और मेरे हीरो थे। शायद यही किस्मत में लिखा हुआ था। वो बहुत खुश मिजाज इंसान और मेरे सबसे बड़े प्रेरक थे। उनकी बेटी आशना लिड्डर ने उन्हें मुखाग्नि दी।

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