अपने लिये जिये तो क्या जिये ए दिल तु जी जमाने के लिये....शायद पिछोर के साकेत जैसे युवाओं के लिये यह गीत फिट बैठता है। दरअसल लोग तीन महीने में एक बार रक्तदान करने की बात कहते हैं। डॉक्टरों की भी यही सलाह है लेकिन किसी की जान जा रही हो और हमारी नलिकाओं में रक्त बहता रहे यह भी ठीक नहीं। शायद यही सोचकर साकेत ने 75 दिन में तीन बार ब्लड डोनेट कर 3 लोगों को नया जीवन दे दिया।
कहते हैं जहां ईश्वर नहीं पहुंचता वहां अपने फरिश्तों को भेज देता है ऐसे ही ईश्वर के एक फरिश्ते खनियाधाना ब्लॉक के ग्राम गढरौली में पदस्थ शासकीय शिक्षक साकेत पुरोहित हैं। जिन्होंने इमरजेंसी में 75 दिन में तीन बार रक्तदान करके तीन लोगों को नया जीवनदान दिया है।
कल ऐसा ही एक इमरजेंसी केस झांसी में आया जिसमें हमीरपुर जिले के एक जरूरतमंद व्यक्ति को डेंगू हो गया था जिसके कारण प्लेटलेट्स मात्र ग्यारह हजार शेष रह गई थी डॉक्टर ने परिजनों को तत्काल ओ नेगेटिव प्लेटलेट्स डोनर की व्यवस्था करने को कहा चूंकि ओ नेगेटिव रेयर ब्लड होने के कारण आसानी से नहीं मिलता इसकी जानकारी जैसे ही ग्राम करारखेड़ा तहसील पिछोर के निवासी साकेत पुरोहित को लगी चूंकि यह ब्लड ग्रुप साकेत का स्वयं का है तो उन्होंने तत्काल सचिन शर्मा के साथ झांसी चिकित्सालय पहुंचकर जरूरतमंद को प्लेटलेट्स डोनेट कर नया जीवनदान दिया।
साकेत पुरोहित ने बताया कि उन्होंने हाल ही में 6 अप्रैल को करैरा में रक्तदान, 30 सितम्बर को झांसी में सागर जिले की अपरिचित महिला को प्लेटलेट्स,
23 नवम्बर को झांसी में खनियाधाना की युवती को ब्लड और आज 20 दिसंबर को झांसी में हमीरपुर जिले के अपरिचित व्यक्ति को प्लेटलेट्स डोनेट किया। यह उनका अब तक का कुल दसवां रक्तदान है।
साकेत अभी तक ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों को मिलाकर कुल 53 रक्तदान शिविर आयोजित कर चुके हैं इसके लिए उन्हें कई सामाजिक मंचों, राजनैतिक दलों से सम्मानित किया जा चुका है।

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