शिवपुरी। हाईकोर्ट द्वारा आयोजित डिस्ट्रिक्ट लीगल एड ऑफिसर के लिये शिवपुरी शहर के युवा सर्वेश चतुर्वेदी कड़े संघर्ष के बाद चयनित हुए हैं। उन्हें मध्यप्रदेश में तीसरी रैंक प्राप्त हुई है लेकिन इसके पूर्व सर्वेश चतुर्वेदी की ज़िन्दगी जीवन के उतार चढ़ाव से भरी रही है। गौरतलब है कि सर्वेश शुरू से ही एक मेधावी छात्र रहे हैं, इनकी स्कूली शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर इसके पश्चात् बाल शिक्षा निकेतन से हुई है।
इसके बाद इन्होने स्नातक बी. एस. सी. फिजिक्स होन्रस देश के प्रसिद्ध हंसराज कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय से की। फिर उन्होने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की एवं साथ ही मैं एल. एल. बी. कैंपस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय मैं एडमिशन लिया|
किन्तु भगवान को कुछ और ही मंजूर था, इसी दौरान इनके पिताजी जो को ब्रेन हैमरेज हो गया जिसकी वजह से वो कोमा मैं आ गये और सर्वेश को अपनी तैयारी एवं एल. एल. बी. को बीच मैं ही छोड़ना पड़ा और वो अपने पिताजी की सेवा मैं लग गये और कुछ समय पश्चात जब उनके पिताजी का निधन हो गया.
तब वो अपनी माँ को अकेला छोड़कर वापिस दिल्ली अपनी स्टडी करने नहीं गये और एमएससी कम्यूटर साइंस रेडियंट कॉलेज से किया एवं माँ के साथ रहे लेकिन उनके मन में हमेशा आगे बढ़ने की इच्छा थी, फिर वो अपनी माँ के आदेश पर पुनः दिल्ली पढ़ने गये और फिर एक बार और एल. एल. बी. में नये सिरे से लॉ सेंटर 1, दिल्ली विश्वविद्यालय में पुनः एडमिशन लिया। आप संभाग स्तर पर शतरंज के खिलाडी भी रहे हैं।
इस पूरी प्रकिया के दौरान उन्होने कई प्रतियोगी परीक्षाओं मैं आंशिक़ सफलता प्राप्त की, जिसमें उन्होने सिविल सर्विसेज परीक्षा का मैंस दो बार लिखा, असिस्टेंट कमांडट का इंटरव्यू upsc मैं दिया, CAPF एस आई,NDA/CDS ,एसएससी इत्यादी किन्तु वो किसी को भी पूर्ण सफलता मैं नहीं बदल पाए लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और प्रयास करते रहे। इनके दादाजी स्व. श्री रामनारायण चतुर्वेदी प्रधान अध्यापक थे। उनके पिता सिचाई विभाग मैं तृतीय श्रेणी, लिपिक के पद पर थे। उनकी माँ श्री मति शकुंतला चतुर्वेदी जो की सहायक शिक्षिका, मा. वि. पुलिस लाइन शिवपुरी हैं, बड़े भाई श्री अखिलेश चतुर्वेदी जो की दिल्ली मेट्रो रेलवे कारपोरेशन मैं स्टेशन कंट्रोलर हैं, भाभी नेहा चतुर्वेदी, बहिन डॉ पूर्ती मखीजा बॉटनी फैकल्टी गवरमेंट (लीड) पी. जी. कॉलेज श्योपुर एवं जीजाजी अमित मखीजा व्यवसायी हैं इन सभी लोगों ने इन पर विश्वास जताया एवं इनको पुनः प्रयास करते रहने के लिये हमेशा प्रेरित किया जिसके परिणाम स्वरुप इन्होने म. प्र. हाई कोर्ट द्वारा आयोजित डिस्ट्रिक्ट लीगल ऐड ऑफिसर(द्वित्तीयश्रेणी ) राजपत्रित अधिकारी की परीक्षा मैं सफलता प्राप्त की।

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