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शिवपुरी के हीरो एसआई अमित अग्रवाल ने किया कमाल, पश्चिम बंगाल से उठा लाये फरार चिटफंडी- न बंगाली आती थी, न मोबाइल और पता ठिकाना, फिर भी सूझबूझ दिखाकर अमित की टीम ने हासिल की बड़ी कामयाबी

शुक्रवार, 3 दिसंबर 2021

/ by Vipin Shukla Mama
ऐसे सफल हुआ ऑपरेशन पश्चिम बंगाल 
गुना से 1400 किमी दूर पश्चिम बंगाल में कोलकाता के पास 4 साल से फरार चल रहे थाना कोतवाली के अपराध क्रमांक 266/18 धारा 420 ,467, 468, 417, 418, 406 भा द वि ‌ एवं मध्य प्रदेश निक्षेपको के हित संरक्षण की धारा 4/6 मे आरोपी अमानत अली की गिरफ्तारी करने गुना पुलिस टीम के साथ में सभी विषम परिस्थितियां मौजूद थी। 
मसलन
1) बंगाली भाषा की समझ नही थी
2) पश्चिम बंगाल पुलिस अपेक्षा अनुसार सहयोग नहीं कर रही थी, अपितु काम में रोड़े अटका रही थी
3) भौगोलिक परिस्थितियों की कोई जानकारी नहीं थी
4) आरोपी ने अपना मुख्य मोबाइल नंबर बंद कर लिया था
5) आरोपी का कोई लेटेस्ट फोटो नहीं था ,आरोपी का 5 साल पुराना फोटो था जो गिरफ्तारी के समय मौजूद हुलिए से जरा भी मैच नहीं करता है
6) लंबे सफर के बाद शरीर थकान से टूट रहा था।
इसके बावजूद गुना पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में पश्चिम बंगाल में 1 दिसंबर की रात को एक बेहद मुश्किल और बेहद चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।
1) जिसमें गुना पुलिस की टीम ने एक ही रात में दो अलग-अलग जिलों में आरोपी के अलग-अलग ठिकानों पर दबिश दी।
2) रात को 1:00 बजे हुगली जिले के भीठासीन गांव में आरोपी अमानत अली के घर पर दबिश दी गई पर पुलिस के आने की भनक लगते ही शातिर आरोपी को शाम करीब 4:30 बजे ही लग गई थी और अमानत अली मोबाइल  बंद करके भाग गया था
3) रात्रि करीब 1:30 बजे आरोपी के परिजनों पर दबाव बनाया तो पता चला कि आरोपी अमानत अली भीटासीन गांव से करीब 40  किलोमीटर दूर वर्धमान जिले के मेमोनी तहसील में उसके रिश्तेदार के यहां हो सकता है
4) वर्धमान जिले के मेमोनी तहसील में आरोपी के होने की संभावना को देखते हुए रात को 1:30 बजे ही आरोपी अमानत अली के तीन परिचितों को भिटासीन गांव से अपनी कस्टडी में लिया उसके लिए भी हुगली जिले की लोकल पुलिस ने गुना पुलिस टीम से तीनों लोगों को कस्टडी में लेने के संबंध में लिखित एप्लिकेशन ली और हिदायत दी  तीनों लोगों को सुरक्षित गांव छोड़ना पड़ेगा जिसकी सूचना भी थाने को देना पड़ेगी
2) रात को 3:30 बजे वर्धमान जिले के मेमोनी तहसील में जिस जगह दविश देना था उस बिल्डिंग कि कोई पुख्ता जानकारी नहीं थी क्योंकि जिन तीन लोगों को भिटासीन गांव से बिल्डिंग आईडेंटिफाई करने के लिए अपनी कस्टडी में लिया था वह बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रहे थे।
3) रात को 3:30 बजे वर्धमान जिले के मेमोनी थाना पहुंचने पर रात को लोकल पुलिस ने दबिश देने से साफ मना कर दिया था  और गुना पुलिस से कहा गया कि सुबह 8-9 बजे रेड डालवा‌ देंगे इस पर गुना पुलिस टीम ने वर्धमान जिले की मेमोनी पुलिस  से वर्धमान जिले के एसपी सर से दबिश के लिए रात को 3:30 बजे ही फोन लगाने की बात कही तो आधे घंटे बाद लोकल पुलिस साथ देने तैयार हुई
4) इसके बाद रात को करीब 4:00 बजे अमानत अली के एक बिल्डिंग में होने की संभावना को देखते हुए एक निश्चित क्षेत्र में बिल्डिंग की पहचान करने का काम चालू किया और रात को करीब 4:30 बजे बिल्डिंग की पहचान कर ली गई 
5) बिल्डिंग की पहचान करने के बाद बिल्डिंग के रहवासियों ने पुलिस को देख कर बिल्डिंग में अंदर घुसने का मुख्य दरवाजा नहीं खोला और कहने लगे कि जब बिल्डिंग का मालिक आएगा तभी मुख्य दरवाजा खोलेंगे
6) 15 मिनट बाद बिल्डिंग का मुख्य दरवाजा खोला गया और पुलिस टीम बिल्डिंग के अंदर पहुंची
7) बिल्डिंग में अमानत अली के रिश्तेदार के फ्लैट को खुलवा कर अमानत अली के बारे में पूछा गया तो अमानत अली फ्लैट में मिल गया 
9) अमानत अली की सही पहचान होने के बाद उसकी गिरफ्तारी की गई
8) इसके बाद संपूर्ण कागजी कार्रवाई करने के बाद वर्धमान सीजेएम कोर्ट से शाम करीब 5:00 बजे अमानत अली का 4 दिन का ट्रांजिट रिमांड गुना पुलिस को मिल गया 
इस पूरे बेहद चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन में गुना पुलिस टीम के पास " *हिम्मत ना हारने का*" एकमात्र सकारात्मक पहलू मौजूद था *गुना पुलिस अधीक्षक * ने पश्चिम बंगाल में इस चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन के दौरान पुलिस टीम का होंसला नहीं टूटने दिया जिसके चलते ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।

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