मनोवैज्ञानिक प्रिया सोनपार ने परामर्शदाताओं के प्रशिक्षण में कहा
शिवपुरी। हर बच्चा प्रतिभाशाली होता है। बस फर्क इतना होता है कि कुछ पढ़ाई में अव्वल होते है, तो कुछ दूसरे क्षेत्रों में। जो बच्चा पढ़ाई में कमजोर है, वह दूसरे क्षेत्रों में प्रतिभा संपन्न हो सकता है। हमें बच्चों की प्रतिभा को अंकों से कभी नहीं आंकना चाहिए। उनकी रुचि जानें, फिर उसी क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए उसे अवसर दें। आमतौर पर हम पढ़ाई में कमजोर होने पर उसके मनोबल को गिराने का काम करते है। यह स्थिति उसकी प्रतिभा को कुचलने का काम करती है।
यह बात परामर्शदाताओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम मनोवैज्ञानिक प्रिया सोनपार ने कही। वे शहर के पीएस होटल में महिलाओं और बच्चों के मनोसामाजिक परामर्श एवं मानसिक स्वास्थ्य विषय पर जिले की विभिन्न संस्थाओं में कार्यरत परामर्शदाताओं के 3 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि अपने आपको चुस्त- दुरुस्त और तंदुरुस्त रखने के लिए अपने भीतर बच्चे को हमेशा बनाए रखें।
कभी बचपन जैसी मस्ती कर लेने से तनाव कम होता है। कभी बेवजह हँसना, एकांत में नाचना- गाना, कभी बच्चों के साथ चॉकलेट- आइसक्रीम खाना निश्चित रूप से नीरस होते जीवन को मधुरता की ओर ले आएगा। मुस्कुराने में कोई खर्च नहीं होता, लेकिन मुस्कुराहट के धनी निर्धन व्यक्ति भी सबके दिलों पर राज करते है। जब तनाव में हों,तब वो काम करें,जिन कामों से खुशियां मिलतीं हों।
जिला कार्यक्रम अधिकारी देवेंद्र सुंदरियाल, सहायक संचालक आकाश अग्रवाल, बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष डॉ.सुषमा पांडेय, सदस्य उमेश शर्मा, सुगंधा शर्मा एवं रघुवीरसिंह श्रीवास, परिवार परामर्श केंद्र के संयोजक आलोक एम इंदौरिया एवं अन्य परामर्शदाता मौजूद रहे। प्रशिक्षण के समापन अवसर पर प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें