शिवपुरी। नगर ही नहीं जिले भर को प्रेम स्वीट्स के मालिक समाजसेवी राकेश जैन रुला गए। हर आंख नम है और यकीन करना मुश्किल की एक सहज, सरल, मिलनसार व्यक्तित्व अब हमारे बीच नहीं। राकेश की अंतिम यात्रा 24 जनवरी को निज निवास (विष्णु मंदिर के पास) से सुबह 9 बजे मुक्ति धाम के लिए प्रस्थान करेगी। इसके पहले रविवार को जब कार्डियक अरेस्ट से राकेश की मौत हुई। लोगों को पता चला तो हर जुबान पर बस एक ही नाम था राकेश, अरे कैसे ? कब ? क्या भद्दा मजाक है यह ? आपको बताते हुए आंख नम है कि उस नेक दिल इंसान के लिये नगर ही नहीं जिले के लोगों ने शोक संवेदना प्रकट की।
तात्या टोपे पार्क से लेकर पटेल नगर किया विकसित
राकेश ऐसे समाजसेवा के कार्य भी करके गए कि उन्हें याद किया जाएगा। तात्या टोपे पार्क सहित पटेल पार्क में हरियाली फैलाने के इरादे से उन्होंने यहां पौधे रोपे। जबकि चन्द रोज पहले पटेल पार्क में पक्षियों के लिये दाना पानी स्टैंड भी लाइंस की तरफ से लगवाया।
माता पिता के लिये गहरा आघात
कहते हैं होनहार पुत्र मुश्किल से देखने मिलते हैं। नगर के ख्यातिनाम व्यवसायी प्रेमकुमार जैन के सुपुत्र राकेश भी होनहार थे। जमीन से मेहनत के बल पर एक ऐसा प्रतिष्ठान प्रेम स्वीट्स खड़ा किया जिसकी शोहरत घर घर मे है। लोगों की जुबान प्रेम की मिठास यानी मिष्ठान की आदि है। इस कारोबार को राजेश और राकेश दोनों भाइयों ने मिलकर चमकाया। राकेश के माता पिता के चेहरे पर खुशी और संतोष उनकी मेहनत के प्रतिफल के परिणाम की तरफ नजर आता रहा। आज जब उनकी एक बाजू सदा के लिये दूर हुई है तो अंदाज लगाया जा सकता है कि उन पर क्या कुछ गुजरी होगी।
सब गए थे शादी में इधर राकेश के सीने में हुआ दर्द
बताया जा रहा है कि परिवार जन किसी करीबी की शादी में शामिल होने ओरछा गए थे। इधर राकेश घर रुके। उनसे दुकान पर आज जिनकी भी मुलाकात हुई उनकी आंखें नम हैं। 3 बजे के लगभग उनकी बात रमन अग्रवाल से हुई जो खुद पोहरी किसी शादी में गए गए। तब राकेश ने सीने में दर्द की बात कही। रमन ने रुंधे गले से धमाका को बताया कि नहीं पता था कि यह उनकी राकेश से आखरी बात हो रही है।
कमाना तो राकेश की तरह पूंजी
दोस्तो जिंदगी में जो भी आया उसे जाना ही है। लेकिन नेकी के कुछ ऐसे काम जरूर करते रहिये की विदाई के बाद लोग याद करते रहें। जिस तरह राकेश चले भले ही गए लेंकिन सदियों, युगों तक लोगों के दिल मे कायम रहेंगे।
एक नहीं दो बज्रपात
नगर में रविवार को दो बुरी खबर आईं। पहली कथामिल के मालिक अरविंद दिवान जी की मां ओमी दीवान के निधन की खबर मिली। सदमा उसे सुनकर भी लगा। लेकिन वयोवृद्ध होने से लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि देकर संतोष किया। भगवान के इस निर्णय पर अभी लोग गमजदा ही थे कि पीछे से मिली राकेश जैन के निधन की खबर ने लोगों को तोड़कर रख दिया। हम दोनों के प्रति सच्चे मन से विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और दोनों ही परिवार जनों से इस असीम दुख की घड़ी में संयम रखने की कामना करते हैं।
विपिन शुक्ला, एडिटर धमाका
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