शिवपुरी। झारखंड से 5 लड़कियों को काम दिलाने के बहाने लाया गया और बाद में उन्हें शिवपुरी में बेच डाला। इस आशय की जानकारी अंडमान और निकोबार के बनवारी कल्याण आश्रम के सामाजिक कार्यकर्ता गुरु चरण मुंडा ने 30 सितंबर को कोतवाली में दी थी। शिवपुरी में बजरंग दल और विहिप के नेता विनोद पुरी से आकर मिला था जिसके बाद पुलिस हरकत में आई कोतवाली टीआई सुनील खेमरिया ने इस गम्भीर मामले को लेकर पहले शिवपुरी के दो पुलिसकर्मी झारखंड भेजें जहां खुलासा हुआ कि 5 लड़कियों की गुमशुदगी दर्ज की गई है। काम दिलाने के बहाने लड़कियों को वहां से लाया गया है। शिवपुरी की गोपाल लॉज में लाकर इनको 16 नवंबर तक रखा गया था जिसके बाद से लड़कियां गायब थी पुलिस के एसआई चेतन शर्मा दीपक पलिया प्रधान आरक्षक उदल गुर्जर पुष्पेंद्र और अजीत ने सबसे पहले आरोपी की तलाश की और उन्हें सफलता हाथ लग गई। झारखंड के बलेश्वर मुंडा को उन्होंने कब्जे में कर लिया उसके बाद फिर राज खुलता चला गया तो पता लगा कि शहर के बड़ौदी पर रहने वाले मंटू गोस्वामी, पप्पू परिहार, कुंवर भी इस खेल में शामिल हैं। इस तरह तीनों को पुलिस ने उठाया तो जानकारी लगी कि बैराड़ की एक महिला ने एक नाबालिक को 90,000 में खरीद लिया था जबकि कलोथरा के दूसरे व्यक्ति ने 50,000 में और झालावाड़ राजस्थान के एक व्यक्ति ने इनमें से ही एक को 100000 में खरीद लिया था। पुलिस ने जाल बिछाने के बाद सुभाषपुरा के युवक वेद सिंह को पकड़ा। जिसने पहली लड़की 60000 में खरीद कर उसके साथ शादी करके गृहस्थी बसा ली थी और वह पत्नी की तरह उसे रख रहा था। पुलिस ने उसके घर पर दबिश दी जबकि एक 17 साल की नाबालिक के लिए है पुलिस को राजस्थान जाना पड़ा। यहां तैयारी थी कि जैसे ही लड़की बालिग हो जाएगी उसे महंगे दाम पर भी बेच दिया जाएगा। इस फेर में एक महिला मकड़ी राठौर बैराड़ की पकड़ी गई है जिसने 90000 में उसे खरीदा था और लड़की को सवाई माधोपुर भेज दिया था। यही बालिग होने पर वह बेच दी जाती। जिस झालावाड़ के युवक ने लड़की खरीदी थी उसे कार्रवाई की भनक लग गई तो वह भाग खड़ा हुआ। कुल मिलाकर बालेश्वर मुंडा, मंटू गोस्वामी, पप्पू परिहार, कुंवर सिंह और मकड़ी राठौर ने मिलकर झारखंड से लाई गई 5 लड़कियों को बेच डाला था। कोतवाली पुलिस को यह बड़ी सफलता हाथ लगी है। बता दें कि शिवपुरी जिले में मानव तस्करी का यह पहला मामला नहीं है बल्कि इसके पहले भी इसी तरह से लड़कियों को खरीदा बेचा जाता रहा है।
दधीचि प्रथा चलन में रही
शिवपुरी जिले में गति के प्रतापी इसी का परिणाम है कि यहां के लोग बाहर से युवतियों को खरीद कर ले आते हैं और बाद में हैं कानूनी लिखा पढ़ी के माध्यम से एक काम पर उन्हें पत्नी बनाकर रख लेते हैं वकील के माध्यम से होने वाली यह कार्यवाही कानून के दायरे में आ जाती है इस कारण पुलिस भी कुछ नहीं कर पाती हालांकि इस मामले में है युक्तियां अपनी मर्जी से साथ रहने को तैयार होती हैं कई बार एक युवती को इसी तरह की लिखा पढ़ी के माध्यम से अलग-अलग जगह भी जाना पड़ता है अंदर की बात यह है कि यह सारा तमाशा पैसे की दम पर होता है।

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