शिवपुरी। स्वामी विवेकानंद की जयंती इस बार अखिल भारतीय साहित्य परिषद जिला इकाई शिवपुरी ने युवाओं के विचार एकत्रित कर युवा व्याखान माला आयोजित कर मनाया,स्थानीय जल मंदिर मैरिज हाउस में हर क्षेत्र के युवाओं को एक स्थान पर एकत्रित कर स्थानीय और राष्ट्रीय समस्या और उनके निदान पर परिचर्चा आयोजित कर विचार सभी के एकत्रित किये गए।
सर्वप्रथम कार्यक्रम संयोजक व अखिल भारतीय साहित्य परिषद के नव नियुक्त प्रान्त महामंत्री आशुतोष शर्मा ने संचालन की जिम्मेदारी संभालते हुए अतिथि के रूप में सैमुअल दास, धैर्यवर्धन शर्मा,संजीव बाँझल, अशोक रंगढ़ व आर बी शर्मा राम पंडित को मंचासीन किया।स्वामी विवेकानंद के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन के पश्चात विभिन्न क्षेत्रों के युवाओं के परिचय के बाद उनके विचार आमंत्रित किये गए।उससे पूर्व मंच पर विराजित अतिथियों में से सबसे पहले सैमुअल दास ने कहा कि बेरोजगारी हटाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए
सबसे पहले सरकारों को सेवानिवृत्त होने की आयु पर दृढ़ता पूर्वक विचार करना चाहिए,युवाओं को अवसर देकर काम की गति को बढ़ाना चाहिए,सुखद परिणाम तभी आएंगे जब युवाओ की सहभागिता होगी,बेरोजगारी भी तभी कम होगी।
सबसे पहले सरकारों को सेवानिवृत्त होने की आयु पर दृढ़ता पूर्वक विचार करना चाहिए,युवाओं को अवसर देकर काम की गति को बढ़ाना चाहिए,सुखद परिणाम तभी आएंगे जब युवाओ की सहभागिता होगी,बेरोजगारी भी तभी कम होगी।
संजीव बाँझल ने इस अवसर पर कहा कि जब युवाओं को कार्य करने के अवसर होंगे तब देश भी प्रगति करेगा,केवल कहने या मानने से नही की हमारा देश सबसे युवा देश है बल्कि उस अनुपात में युवाओं को मौका प्रदान कर ही बेहतर परिणाम ला सकते है,अवसाद में फंसने वाले युवाओं को राष्ट्रीय कार्य मे संलग्न कर उनकी ऊर्जा का समुचित उपयोग कर ही काम बेहतर परिणाम ला सकते है।
धैर्यवर्धन शर्मा ने स्वामी विवेकानंद के विचारों की वर्तमान परिवेश में प्रासंगिकता को स्पष्ट करते हुए कहा कि राष्ट्र प्रेम युवाओं के मन मे होना चाहिए,जब हम स्वामी विवेकानंद को पढ़ते है,उनके जीवन को देखते है,तो स्वाभाविक रूप से देश प्रेम से सराबोर हो जाते है,इस लिए स्वामी जी के जीवन को न सिर्फ पढ़ कर बल्कि उसका अनुसरण कर ही हम अपने जीवन की सार्थकता सिद्ध कर सकते है।
अशोक रंगढ़ ने कहा कि इस तरह के आयोजन नियमित होने चाहिए जिससे युवाओं को अपनी बात कहने का अवसर प्रदान हो,उनके मन मे चलने वाले विचारों से सभी भली भांति परिचित हो सके।
साहित्यकार राम पंडित ने कहा कि साहित्य की और युवाओं का रुझान होना चाहिए,जिससे उनका बौद्धिक विकास हो सके।
उपस्थित युवाओं में से खेल क्षेत्र के युवा कपिल यादव ने कहा कि शिवपुरी स्टेडियम का भव्य निर्माण तो हो गया लेकिन वह आम युवा के लिए किस काम का जब उसमें प्रवेश की भारी भरकम फीस रख दी है,ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र का आम युवा उसका क्या लाभ ले सकता है।
युवा व्यवसायी गौरव खंडेलवाल ने कहा कि सरकार को टैक्स की पद्धति पर विचार करना चाहिए, शिक्षा क्षेत्र से जुड़े गोपिन्द्र जैन ने कहा कि शेक्षिक नीति वास्तविक रूप से आर्थिक उपयोगी हो युवा के हित की हो इस पर और अधिक विमर्श करना चाहिए,युवा साहित्यकार मयंक दीक्षित ने कहा कि बेरोजगारी किस कदर है इसका प्रमाण समय समय पर मिलता है,परन्तु राज्य या केंद्र सरकार पर क्यों निर्भर युवा होकर रह गया है,स्वयम क्यों नही अपने परिश्रम से इन परिस्तिथियों को बदलने की दृढ़ इच्छा शक्ति युवा दिखाता है।
युवा समाजसेवी अवधेश शिवहरे ने कहा कि युवा अगर ठान ले तो क्या नही कर सकता,शिवपूरी को बदलने में युवा अपनी भूमिका निभाएं।अभिभाषक अजय गौतम ने कहा कि स्वामी विवेकानंद को पढ़कर उनके जीवन से प्रेरणा लेकर युवा हर क्षेत्र में अपनी सहभागिता करे,इस समय राष्ट्रीय स्तर पर जितनी भी समस्या दिखती है उनका निदान केवल युवाओं की सक्रियता से ही सम्भव है।युवा प्राध्यापक दुर्गेश गौर अप्पू ने कहा कि आर्थिक क्षेत्र में युवाओं को सक्रियता ज्यादा दिखाना चाहिए,वहां अध्ययन कर निजीकरण का विरोध करना चाहिए।
युवा पत्रकार विजय बिंदास, युवा सफाईकर्मी राकेश गेन्चर,युवा चालक रवि कोड़े,चिंटू कोड़े,शासकीय सेवक अनुपम दुबे,युवा अभिभाषक जितेंद पांडेय,कपिल रावत,युवा चिंतक सागर भार्गव युवा व्यवसायी राजेश ग़ोयल,देवेंद्र मजेजी आदि ने अपने विचार युवा दिवस के अवसर पर आयोजित इस विमर्श में रखे।साहित्य परिषद की और से प्रदीप अवस्थी,विकास शुक्ल प्रचंड ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।कार्यक्रम का संचालन व आभार आशुतोष शर्मा ओज ने ज्ञापित किया।

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