पचावली। लुकवासा के समीप ग्राम आनंदपुर में चल रही रामकथा मैं श्री सीता राम भगवान के विवाह उत्सव के दौरान कथा वाचक ब्रजभूषण महाराज ने कहां की राम कथा हर घर में पढ़ी जानी चाहिए जिससे कि भारतीय संस्कृति और सनातन संस्कृति का विकास निरंतर होता रहे क्योंकि राम कथा में ऐसे चरित्र है जिसको पढ़ करके मनुष्य अपने जीवन को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है आध्यात्मिक जीवन एवं सामाजिक जीवन में भी वह उच्च स्थान कर सकता है आचार्य ने बताया कि राम कथा हम को प्रेरित करती है सुबह उठकर के माता-पिता को प्रणाम करो गुरुजनों को प्रणाम करो भगवान श्रीराम ने सदैव अपने गुरु आज्ञा का पालन किया एवं सदैव मर्यादा में रहे भगवान चाहे तो कुछ भी कर सकते है लेकिन उन्होंने मानव शरीर धारण किया इसलिए मनुष्य जैसे कर्म किए और बताया कि जीवन में कितना भी सामर्थ्य हो लेकिन मर्यादा में रहकर ही हमको कार्य करने चाहिये आचार्य जी ने कथा के चतुर्थ दिवस पर सुंदर भगवान की बाल लीलाओं का वर्णन किया और बताया कि भगवान भक्तों की इच्छा पूरी करने के लिए बाल लीलाएं करते हैं भगवान धीरे-धीरे बड़े हुए और उन्होंने जाकर के राक्षसों का संघार किया ताड़का सुबाहु को मारा एवं जनकपुर में जाकर के धनुष को तोड़कर के सीता मां से विवाह किया और समस्त संसार को प्रसन्न किया आचार्य जी ने कथा के प्रसंग में सुंदर प्रसंग सुनाए इस कथा का आयोजन समस्त ग्रामवासी आनंदपुर वाले करवा रहे हैं यह कथा 26 जनवरी तक होगी।

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