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धमाका बड़ी खबर: जरूरी नहीं ओमिक्रोन ही हो, जानलेवा डेल्टा भी हो सकता है, करवाये जांच

शुक्रवार, 28 जनवरी 2022

/ by Vipin Shukla Mama
अब 75 फीसदी जीनोम सीक्वेंसिंग में मिल रहा है ओमिक्रॉन
दिल्ली। ब्रहसपतिवार को प्रेस कान्फ्रेंस में डॉ. सुजीत ने बताया कि अब 75 फीसदी जीनोम सीक्वेंसिंग में ओमिक्रॉन मिल रहा है लेकिन डेल्टा और दूसरे वैरिएंट भी काफी मौजूद हैं। इनकी वजह से मरीज अस्पतालों में भर्ती तक हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ ओमिक्रॉन के आधार पर मरीज में हल्का असर होने की संभावना के साथ इलाज नहीं किया जा सकता है। कोरोना संक्रमित मरीज में ओमिक्रॉन भी हो सकता है या फिर डेल्टा वैरिएंट भी।
पिछले साल दूसरी लहर के दौरान भारत ने डेल्टा वैरिएंट का काफी गंभीर असर देखा था। आंकड़ों का हवाला देते हुए निदेशक ने बताया कि दिसंबर माह में 1292 सैंपल में ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई थी लेकिन अब 9,672 सैंपल में यह स्वरूप मिला है। इसी तरह दिसंबर माह में 17,272 सैंपल में डेल्टा और उससे जुड़े उप वैरिएंट भी मिले थे जोकि इस माह में 4789 सैंपल में दिखे। इनमें से 1578 सैंपल में सिर्फ डेल्टा वैरिएंट ही मिला है। उन्होंने बताया कि ओड़िशा, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में ओमिक्रॉन और डेल्टा दोनों ही असर दिखा रहा है।
ओमिक्रॉन वैरिएंट में ही दो नए म्यूटेशन
एनसीडीसी के अनुसार ओमिक्रॉन में दो नए म्यूटेशन हुए हैं। यह बाकी देशों में भी मिल चुके हैं। इनमें से एक बीए.1 और दूसरा बीए.2 है। दिसंबर माह में जब विदेशों से संक्रमित होकर यात्री भारत आ रहे थे तब उनमें बीए.1 म्यूटेशन मिल रहा था लेकिन अब भारत में सामुदायिक स्तर पर बीए.2 म्यूटेशन मिल रहा है।
जान भी जा रही लोगों की
एक ओर देश में बीते तीन दिन से कोरोना के दैनिक मामले तीन लाख से कम सामने आ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर दैनिक संक्रमण दर अभी भी गंभीर बनी हुई है। स्थिति यह है कि देश में अब 403 से बढ़कर 407 जिले रेड जोन में तब्दील हुए हैं। दैनिक मामलों में उतार-चढ़ाव देखने के बाद भी संक्रमण से मरने वालों की संख्या में कमी नहीं आ रही है।

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