कुष्ठ रोगियों से नफरत न करे इनसे प्यार एवम सहानुभूति रखे ये बिमारी का इलाज है - रवि गोयल समाजिक कार्यकर्ता
शिवपुरी। दुनिया भर में हर साल जनवरी के अंतिम रविवार को विश्व कुष्ठ रोग दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व कुष्ठ रोग दिवस 30 जनवरी को आयोजित किया जिसको की शक्ति शाली महिला संगठन समिति एवम स्वास्थ्य विभाग शिवपुरी के द्वारा संयुक्त रूप से अयोजित किया गया बड़ोदी स्थित खुले स्कूल परिसर में सुपोषण सखियों के साथ कुष्ठ रोग एवम गांधी जी की पुण्य तिथि एक साथ मनाई। शक्ति शाली महिला संगठन के संयोजक रवि गोयल ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि हर साल यह इस पुराने घातक रोग के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने और इस बात की ओर ध्यान देने के लिए मनाया जाता है कि इसकी रोकथाम, इलाज और उपचार किया जा सकता है। इस दिन की शुरुआत 1954 में फ्रांस के समाजसेवी और लेखक राउल फोलेरो ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि के रूप में की थी, जिन्हें कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों की सहायता की थी। कुष्ठ एक पुराना संक्रामक रोग है जो एक बेसिलस, माइकोबैक्टीरियम लेप्राई के कारण होता है। इस रोग के लक्षण आम तौर पर औसतन 5 साल में संक्रमण होने की लंबी अवधि के बाद होते हैं, क्योंकि एम लेप्राइ बहुत धीरे-धीरे बढ़ता है। रोग मुख्य रूप से त्वचा, परिधीय नसों, ऊपरी श्वसन पथ के श्लेष्म और आंखों को प्रभावित करता है। कुष्ठ रोग का टीका उपलब्ध है और इसका इलाज भी संभव है बार अंतरराष्ट्रीय कुष्ठ रोग निवारण दिवस की थीम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुष्ठ रोगियों के प्रति सद्भावना और यूनिटी रखा गया है इसलिए हमको कुछ रोगियों से नफरत नहीं करना चाहिए उनके प्रति प्यार और सहानुभूति रखना चाहिए। कुष्ठ रोग निवारण जागरूकता कार्यक्रम में बड़ोद एवं उसके आसपास कार्य करने वाली सुपोषण सखियों को कुष्ठ रोग एवं उसके टीके के बारे में अबोध कराया एवं कुछ लोगों के प्रति कैसा व्यवहार रखना चाहिए इसके बारे में जागरूक किया कार्यक्रम में शक्तिशाली में लंदन की पूरी टीम सुपोषण सखी हर्षा कपूर नर्मदा शार्क अंगूरी आदिवासी रानी जाटव, रामदेव कमलेश जाटव, कमलेश कुशवाहा आदि ने सक्रिय भागीदारी की।

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