शिवपुरी। वर्चुअल माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिवपुरी द्वारा तहसील विधिक सेवा समिति करैरा एवं कोलारस में पदस्थ न्यायाधीश गण एवं अधिवक्ता गण से मध्यस्थता एवं आगामी नेशनल लोक अदालत पर चर्चा की गई।
दिनांक 29 जनवरी 2022 को माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष महोदय श्री विनोद कुमार की अध्यक्षता में वर्चुअल माध्यम से तहसील विधिक सेवा समिति करैरा एवं कोलारस से मध्यस्थता जागरूकता शिविर एवं आगामी नेशनल लोक अदालत पर बैठक आयोजित की गई उक्त शिविर के दौरान माननीय प्रधान जिला न्यायधीश महोदय श्री विनोद कुमार द्वारा तहसील विधिक सेवा समिति करैरा एवं कोलारस में पदस्थ न्यायाधीश गढ़ एवं अधिवक्ता गणों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में मध्यस्थता एवं लोक अदालत दोनों ही न्याय के परंपरागत तरीकों से समान ही लोकप्रिय हो रहे हैं तथा इन पद्धतियों से सुलह कराने पर पक्षकार सबसे अधिक लाभान्वित होते हैं एक तो उनका समय बचता है दूसरे उनकी कोर्ट फीस वापस हो जाती है एवं पक्षकारों का विवाद हमेशा के लिए खत्म हो जाता है और यह सब वकील के सहयोग के बिना संभव नहीं है शिवपुरी जिले में नेशनल लोक अदालत के आंकड़े अत्यंत प्रशंसनीय रहे हैं इसी के साथ साथ मध्यस्था भी सफलतापूर्वक लोगों में प्रचलित है और इसका पूरा श्रेय जिला शिवपुरी के अधिवक्ता गण को जाता है क्योंकि उनके द्वारा उक्त दोनों ही प्रक्रियाओं में स्वयं पूरा सहयोग करने के साथ-साथ पक्षकारो को भी तैयार किया जाता है
जिला न्यायाधीश एवं सचिव श्रीमती अर्चना सिंह के द्वारा उपस्थित न्यायाधीश गण एवं अधिवक्ता गण को मध्यस्थता के प्रावधानों से अवगत कराने के अतिरिक्त इसकी प्रक्रिया भी समझाई गई सचिव महोदय द्वारा बताया गया के मध्यस्थ को न्यायाधीश के समान तथस्ट रहते हुए दोनों पक्षों को सुना जाता है और दोनों पक्षों को उत्प्रेरित किया जाता है कि वे स्वयं समझौते की शर्ते तैयार करें मध्यस्थ स्वयं कोई निर्णय नहीं देता उसका दायित्व होता है कि वह एक पक्ष से हुई चर्चा या उनके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों को गुप्त रखें तथा समझौते पश्चात न्यायालय द्वारा डिक्री पारित किए जाने पर उक्त डिक्री अथवा आदेश अंतिम होता है मध्यस्थ उक्त मामले पश्चात वर्ती प्रक्रम पैरवी नहीं कर सकता।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें