कोलारस। शासकीय प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ रहे रमेश कुमार धाकड़ का स्वागत गार्डन में सेवानिवृत्ति विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में रमेश कुमार धाकड़ तथा उनकी जीवन साथी श्रीमती मुन्नीदेवी मुख्य अतिथि की भूमिका में रहे, जबकि विशिष्ट अतिथि विकासखण्ड शिक्षाधिकारी रामनिवास जाटव, शाउमावि सेसई के प्राचार्य मुकेश कुमार मेहता, शा उत्कृष्ट उमावि कोलारस प्राचार्य केसी जाटव, बीआरसीसी जीएस गोलिया थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता शाप्रावि जगतपुर प्रधानाध्यापिका श्रीमती नीरज तिर्की द्वारा की गई। कार्यक्रम प्रांरभ से पूर्व अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती जी पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलित किया गया। इस अवसर पर उपस्थित समस्त अधिकारी कर्मचारियों तथा उनके परिवार जनों ने बढ़ चढ़कर सेवानिवृत्त शिक्षक रमेश कुमार धाकड़ तथा उनकी जीवन साथी मुन्नी देवी को माला पहनाकर शाॅल, श्रीफल, कपड़े तथा प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। सेवानिवृत्त शिक्षक को उनके नाती पोतियों द्वारा केक काट कर सम्मान दिया गया। कार्यक्रम को खूबसूरत आकर्षक भव्य स्वरूप देने में संस्था के समस्त स्टाफ श्रीमती अगुस्टीना कुजूर, श्रीमती शकुंतला भार्गव, मनोज कुमार कोली, श्रीमती अनीता मिश्रा, भगवत शरण पाण्डेय, रघुवीर कुमार पाल तथा आलोक जैमिनी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस अवसर पर मंचासीन समस्त अतिथियों द्वारा उद्बोदन देकर सेवानिवृत्त शिक्षक के 42 वर्ष सफलता पूर्वक सेवाकाल के बारे में तथा उनको आगे अपने जीवन में उच्च आयामों को प्राप्त करने के लिए शुभकामनाएं दी गईं। इस कार्यक्रम में बीएसी राजकुमार दोहरे, विशुन लाल रांठखेड़ा, अमृत कुमार तिर्की, अशोक कुमार जैन, खलक सिंह नरवरिया, डाॅ. दीप्ति तिर्की, रमन बिहारी लाल सक्सेना, बृजमोहन जाट, पवन अवस्थी, राजेश भार्गव, सीपी राठौर, अनिल श्रीवास्तव, दीपक भार्गव, विक्रम व्यास, भगवान दास कोली, सुरेन्द्र धाकड़, शैलेन्द्र धाकड़, नरेन्द्र धाकड़, बलवीर धाकड़, अशोक धाकड़, दीपक तिर्की, श्रीमती सुनीता धाकड़, जय प्रकाश मिश्रा, श्रीमती अंजू धाकड़, श्रीमती लता पाल, श्रीमती टिंकी कोली, श्रीमती बंदना व्यास, मानसी पाण्डेय, स्नेह भार्गव, लोकेन्द्र धाकड़, देवेंद्र धाकड़, आदि मौजूद रहकर इस खूबसूरत विदाई समारोह के साक्षी बने। कार्यक्रम का संचालन मनोज कुमार कोली द्वारा किया गया। अंत में सेवानिवृत्त शिक्षक को समस्त शिक्षकों तथा उनके परिवारजनों द्वारा ढोल नगाड़ों से सम्मानपूर्वक उनके घर तक छोड़कर आये।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें