शिवपुरी। आप अपने बच्चों को सकुशल स्कूल जाने और आने के लिए भेजते हैं लेकिन आपको यह भी देखना चाहिए कि जिस बस से उन्हें भेजा जा रहा है वह सड़क पर चलने के काबिल है भी या नहीं।
शनिवार को शहर के नामचीन सेंट चार्ल्स स्कूल की एक बस को यातायात विभाग के प्रमुख सूबेदार रणवीर सिंह यादव ने जप्त किया है इस बस में 32 बच्चे बैठाने का नियम है लेकिन बस को जिस दौरान रोका गया 48 बच्चे ठूंस कर भरे मिले। सिंघम यादव ने बताया कि बस सेकागजात मांगने पर पूरे नहीं निकले। उसमें फिटनेस नहीं थी और ना ही अन्य दस्तावेज मौजूद थे। नतीजे में हमने यातायात थाने पर लाकर बस को खड़ा कर दिया है। बच्चों को सकुशल उनके घर तक भिजवा दिया। यह पहला मामला नहीं है जब सेंट चार्ल्स स्कूल की किसी बस को यातायात पुलिस ने कमियों के साथ पकड़ा है। बल्कि इसके पहले भी इस स्कूल की तमाम बसों को कमियों के साथ पकड़ा जाता रहा है। स्कूली बच्चों की सुरक्षा का जिम्मा जहां स्कूल संचालकों का है तो वहीं उनके अभिभावकों से लेकर जिला प्रशासन का भी है।यही कारण है कि कलेक्टर अक्षय सिंह और एसपी राजेश सिंह चंदेल के निर्देश पर आज अचानक बसों की चेकिंग की गई जिसमें सेेंट चाल्स स्कूल की बस हाथ लगी जिसमें कमियों के साथ-साथ आवश्यकता से ज्यादा बच्चों को बैठाया गया था। पुलिस की मानें तो बच्चों को ठीक से बैठने तक के लिए जगह नहीं थी वह असहज तरीके से यात्रा कर रहे थे। मामला न्यायालय में पेश किया जाएगा। जिला परिवहन अधिकारी आज भी नींद में
यात्री बसों को समय-समय पर चेक करने की जिम्मेदारी जिला परिवहन अधिकारी की है लेकिन जिला परिवहन अधिकारी मधु सिंह कभी सड़कों पर नजर नहीं आती। उनके द्वारा यात्री बसों को चेक नहीं किया जाता है और ना ही स्कूली बसों को चेक किया जाता है। प्रदेश भर में ऑनलाइन सिस्टम लागू हो गया है ऐसे में पर परिवहन महकमे को यह देखने की भी फुर्सत नहीं है कि कौन सी बस परमिट के साथ दौड़ रही है। किस वक्त का फिटनेस मौजूद है या फिर उसमें कमियां हैं। आखिर वह सड़क पर कैसे चलती हैं। यह एक बड़ा सवाल है। जबकि ट्रैफिक इंचार्ज को ऑनलाइन चेक करने पर इसी बस के दस्तावेज पूर्ण नहीं मिले। जिला परिवहन अधिकारी को शायद ट्रांसपोर्ट कमिश्नर का खौफ नहीं है और ना ही परिवहन महकमे के मंत्री का!

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें