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कल 5 को मनाया जायेगा हर घर में खण्डेलवाल दिवस

शुक्रवार, 4 फ़रवरी 2022

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। 5 फरवरी 2022 शनिवार को बसंत पंचमी उत्सव  सरस्वती पूजा के साथ  पूरे विश्व में  खंडेलवाल  वैश्य समाज बंधुओं द्वारा खंडेलवाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा। खंडेलवाल खांडव ऋषि के संतान है। ऐसा माना जाता है कि खंडेलवालो की उत्पत्ति खांडव ऋषि के द्वारा हुई ।  ऋषि की संतान खंडेलवाल  कहलाये साथ ही   ऋषि को मानने वाले अनुयाई   भी खंडेलवाल  कहलाये।  उनके  पुत्र  एवं अनुयाई जो ब्राह्मण वृत्ति में लग गए जैसे पूजा पाठ हवन  एवं  जजमानी   शादी विवाह आदि  मांगलिक कार्य कराने में लग गए वे सभी  ब्राह्मण खंडेलवाल कहलाए  तथा जो   खांडव ऋषि के पुत्र एवं अनुयाई व्यापार  , राजकीय  कार्य ,मुनीम गिरी  उद्योग में लग गए  खंडेलवाल वैश्य  कहलाए   । आगे चलकर खंडव  ऋषि ने  अपने पुत्रों एवं अनुयायियों को  मिलाकर  एक समाज की स्थापना  की  जिसे खंडेलवाल वैश्य समाज का नाम दिया  यह पवित्र कार्य उन्होंने बसंत पंचमी के दिन की ।  इसी  दिन खंडेलवाल समाज की स्थापना  हुई थी  इसलिए हर वर्ष   बसंत पंचमी के दिन  को  खंडेलवाल दिवस के रूप में मनाते हैं। खांडव ऋषि के बताए हुए  शिक्षा दीक्षा मार्गदर्शन से  अपने  रीति रिवाज एवम  रोटी बेटी का संबंध बनाते आ रहे हैं। खंडेलवाल वैश्य समाज में 72 गोत्र है एवं इनमें आपस में बेटी ,रोटी का संबंध होता है। हमारे यहां पहले 4 गोत्र टालकर शादियां होती थी खंडेलवाल समाज ऋषि संतान है ब्राह्मण संतान है ऋषि के मानने वाले अनुयाई हैं इसलिए हम लोगों की भावनाओ में  बहुत प्रेम  होता है ।हम दयालु   एवं  धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं। धर्म एवम  भगवान को मानने वाले,  उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले एवं वेद पुराण धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन कर बहुत ही ज्ञानी एवं तेज दिमाग के होते हैं मां सरस्वती की खन्देल्वाल में  विशेष कृपा रहती है पहले रजवाड़ा के समय में राजा के  काल में अपने समाज के बहुत से बंधुगंण राजपाट के बहुत ही उच्च पदों पर   सुशोभित होते रहे है। अपने समाज में आदिकाल से संत सुंदरदास जी ,संत बलराम दास जी एवं अनेकों विद्वान पढ़े लिखे महापुरुष  हुए हैं  इसलिए हम लोग मां सरस्वती के उपासक हैं और सरस्वती पूजा बसंत पंचमी  शुरू से ही  विशेष रूप से मनाते आ रहे हैं।
अपने समाज के बुजुर्गों का ऐसा कहना है कि  खांडव ऋषि ने बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा के दिन खंडेलवाल समाज की  रचना की   स्थापना की   उनके संतान एवं उनके अनुयाई  खंडेलवाल  वैश्य समाज का एक वृहद रूप बना  इसलिए हम लोग मां सरस्वती की  पूजन दिवस बसंत पंचमी के दिन खंडेलवाल दिवस के रूप में मनाते हैं मैं बचपन से बसंत पंचमी के दिन खंडेलवाल दिवस मनाया जाना सुनता देखता आ रहा हूं इसलिए हमें  हर साल बसंत पंचमी के दिन खण्डेलवाल  दिवस को धूमधाम से मनाना चाहिए। हेमन्त खण्डेलवाल ने सभी खण्डेलवाल बन्धुओ से अपील की है कि कल  अपने घरो मे माँ सरस्वती ओर संत सुन्दर दस जी महाराज के फोटो के सामने पांच दीपक जलाके उनकी आरती जरूर करे।
जिला प्रतिनिधि
हेमन्त खण्डेलवाल
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