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मृत्युदंड की उपयोगिता एवं सार्थकता विषय पर छात्रों ने की डिबेट

मंगलवार, 22 फ़रवरी 2022

/ by Vipin Shukla Mama
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिवपुरी
न्यायाधीश ने बच्चों से लिया पौधे लगाने व उनकी देखभाल का वादा
शिवपुरी। आज दिनांक 22 फरवरी 2022 को माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमान विनोद कुमार के मार्गदर्शन में एवं श्रीमती अर्चना सिंह माननीय जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता में वर्चुअल माध्यम से उच्चतर उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय शिवपुरी में मृत्युदंड की उपयोगिता एवं सार्थकता विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें उक्त विद्यालय के छात्र श्री दुष्यंत भार्गव एवं श्री ऋषि शर्मा द्वारा भागीदारी की गई श्री ऋषि शर्मा द्वारा मृत्युदंड की उपयोगिता एवं सार्थकता के पक्ष में कहा गया कि भारत जैसे देश जहां लोग निर्भय होकर कोई भी कार्य करने से नहीं चूकते, जहां लोगों में कानून एवं समाज का भय नहीं है वहां केवल मृत्युदंड ही लोगों को भयभीत कर सकता है ताकि लोग निर्मम कांड करने से पहले मृत्युदंड से भयभीत होकर उस पर पुनर्विचार करें। वहीं दूसरी ओर श्री दुष्यंत भार्गव द्वारा मृत्यु दंड के विपक्ष में कहा गया कि ईश्वर के अलावा कोई भी किसी व्यक्ति से उसके जीवन जीने का अधिकार नहीं छीन सकता इसलिए मृत्युदंड देने से बेहतर है कि समाज को एक सही दिशा प्रदान की जाए ताकि लोग अपराध के बारे में सोचने से पहले उसके परिणाम के बारे में विचार करें। मृत्युदंड देने से व्यक्ति के सुधार की सारी संभावनाएं समाप्त हो जाती हैं। इस प्रकार छात्रों द्वारा अपनी सूझबूझ से प्रतियोगिता को रोचक एवं तथ्यपरक बनाया गया। अंत में श्रीमती अर्चना सिंह द्वारा बच्चों को मृत्यु दंड से संबंधित प्रावधानों के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि भारत में केवल उन मामलों में मृत्युदंड दिया जाता है जो कि विरल से विरलतम हों, उसमें भी जब सत्र न्यायालय द्वारा मृत्यु दंड का आदेश दिया जाता है तो उसके अनुमोदन के लिए उसे उच्च न्यायालय भेजा जाता है उच्च न्यायालय से स्वीकृति मिलने के बाद आरोपी माननीय उच्चतम न्यायालय में अपील कर सकता है इसके बाद भी उसके सामने महामहिम राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका लगाने का अधिकार होता है इसके बाद भी यदि ऐसी परिस्थितियां प्रकट होती हैं कि व्यक्ति ने निर्मम अपराध ठंडे दिमाग से एवं योजना बनाकर किया है, तब ही उसे फांसी की सजा दी जाती है अन्यथा नहीं। इसी के साथ साथ उनके द्वारा सभी छात्रों को निर्देशित किया गया कि वे अब से प्रत्येक वर्ष अपने जन्मदिन पर एक पौधा जरूर लगाएंगे और उसकी देखभाल भी करेंगे पौधा उपलब्ध कराने में उनकी मदद की जा सकती है। समस्त छात्र छात्राओं द्वारा उक्त सुझाव का स्वागत किया गया एवं सहमति दी गई। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती शिखा शर्मा जिला विधिक सहायता अधिकारी द्वारा किया गया। एवं श्री रतिराम धाकड़ प्राध्यापक उच्चतर उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 1 एवं अध्यक्ष लीगल लिटरेसी क्लब द्वारा छात्रों को उक्त प्रतियोगिता हेतु तैयार किया गया एवं कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया गया।

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