खनियांधाना (सीतापाठा)। अमर शहीद श्री चंद्रशेखर आजाद की कर्मभूमि में वर्तमान समय में धर्म एवं ज्ञान की गंगा बह रही है। आठ दिवसीय मेले मैं श्री मद भागवत ज्ञान यज्ञ के साथ,कवि सम्मेलन एवं महाशिवरात्रि पर्व भी धूमधाम से मनाया जाएगा। आज तृतीय दिवस की कथा में वालयोगी पंडित श्री वासुदेव नंदिनी भार्गव ने शिव प्रसंग की कथा, शुकदेव आगमन, ध्रुव चरित्र कथा का श्रवण कराते हुए कहा कि धर्म इस लोक एवं परलोक दौनौ को उजागर करता है, धर्म मृत्यु के वाद भी साथ साथ जाता है, धर्म राज युधिष्ठिर सदेह स्वर्ग गये थे। सती प्रसंग की कथा मैं कहा कि यज्ञ में न जाने की बात देवताओं ने जब सती से कहा, तो सती जी जाने का आग्रह करती हैं, यदि आध्यात्मिक भाव से दर्शन करे तो शंकर शिखर के ऊपर रहते हैं, और देवता शिखर पर विमान में बैठकर उड़ते हुए जा रहे है ,और ऐसी बात बही और वहीं करता है,जो हवा में उड़ रहा हो, शंकर जी और देवताओं में यही तो असमानता है शंकर शिखर पर स्थित हैं और देवता उड़ रहे हैं, शिखर पर तो आए दिन हर कोई चड़ता है, लेकिन बहां हमेशा के लिए शायद ही कोई टिकता हो ? फिर ध्रुव चरित की कथा का श्रवण कराते हुए कहा की हम बार बार गुरु के कहने से भी भजन नहीं कर पाते हैं ,और ध्रुव ने विमाता के कहने से भगवान को पा लिया । उपदेश देने वाला महत्व नहीं रखता लेकिन हम उपदेश को किस रूप ले रहे हैं ये महत्व रखता है।

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