शिवपुरी। ग्राम ककरवाया में चल रही श्री मद भागवत कथा के आज तृतीय दिवस की कथा में पंडित श्री वासुदेव नंदिनी भार्गव ने शिव प्रसंग की कथा का वर्णन श्रवण कराया साथ ही प्रह्लाद चरित्र का श्रवण कराते हुए स्पष्ट किया कि हम कोई न कोई बहाना देख लेते है की ये इस कारण से हम भजन नही कर पा रहे या कथा मै नही जा पा रहे किंतु भक्त तो प्रह्लाद जैसे होते है जिनके खुद के पिता दैत्यराज है फिर भी कैसी भगवद भक्ति रही की भगवान को खंभे से प्रकट होना पड़ा। भक्त के यहां भक्त जन्म ले कोई बड़ी बात नहीं है किंतु दानव के यहां भक्त का जन्म होना विशेष है हम मानव होने के बाद भी मानवता नही पा सकते और प्रह्लाद दानव होने के बाद भी भगवान को प्रकट कर देते हैं क्या ठाकुर जी खंभे मे रहते है, नही अपितु भगवान तो कई बार मंदिर में मूर्ति होने के बाद भी नहीं होते तो कभी न होने के बाद भी प्रकट हो जाते है भक्त स्वतंत्र होता है जहां कल्पना करले वही भगवान प्रकट हो जाते हैं।

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