शिवपुरी। ग्राम धंधेरा, रन्नौद के श्री हनुमान जी मंदिर पर जारी श्री मद भागवत कथा के पांचवे दिन की कथा में पंडित श्री वासुदेव नंदिनी भार्गव ने भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का श्रवण कराया साथ ही चीर हरण की लीला को श्रवण कराते हुए कहा कि बहुत से लोगों को आपत्ति होती है कि भगवान ने ऐसा क्यू किया जबकि वास्तविक बात तो ये है चीर का अर्थ होता है आवरण ,से आवरण से पर्दा और जब तक पर्दा डला हो भगवान नहीं दिखते इसीलिए भगवान ने गोपियों के वस्त्र चुराए। ठाकुर जी उन्ही के आवरण का हरण करते हैं जिसपर कृपा करनी हो और तभी भगवान ने कृपा स्वरूप गोपियों के साथ रास रचाया। साथ ही श्री गोवर्धन लीला का व्याख्यान किया, सभी ने गोवर्धन महाराज की पूजा की। गोवर्धन का अर्थ है इंद्रियों को एकाग्र करना और गोवर्धन की पूजा से संकेत मिलता है जो अपनी इंद्रियों पर विजय पा लेता है बह पूजन के योग्य हो जाता है।

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