नोयडा। सेक्टर-50 में रिटायर्ड आईपीएस के घर पर संचालित सिक्यॉरिटी वॉल्ट एजेंसी (लॉकर किराए पर देने की सुविधा) पर छापेमारी में आयकर विभाग को बड़ी कामयाबी मिली है। यहां शनिवार को IT ने छापेमारी की थी। इस घर में 700 लॉकर मैनसम नोएडा वॉल्ट्स एजेंसी ने तैयार किये हुए हैं। इनमें कई लॉकर में बेनामी संपत्ति रखे होने का अंदेशा हैं।
छापेमारी कर रही टीम ने मंगलवार तक करीब 10 लॉकर ऐसे चिह्नित करके काटे या खोले हैं, जिनके मालिक का नाम या पता स्पष्ट नहीं था। इनसे कल शाम तक निकले कैश की गिनती 5 करोड़ 77 लाख रुपये तक पहुंच गई है। कैश को गिनने के लिए टीम ने तीन मशीनें लगाई हुई हैं। कैश बरामदगी का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि लगातार गिनती के कारण मशीनें हैंग हो रही हैं।
पूरे घर को अपने कब्जे में लेकर वॉल्ट की पड़ताल
आयकर विभाग नोएडा की इनेवेस्टिगेशन टीम ने अपनी रिसर्च और कुछ इनपुट के आधार पर यहां शनिवार शाम को छापेमारी की थी। फिर टीम ने पूरे घर को अपने कब्जे में लेकर वॉल्ट की पड़ताल शुरू की। पहले दिन करीब 16 लॉकर सामने आए। इसमें 14 लॉकर की जांच पूरी हो गई और उसके मालिकों से पूछताछ भी हुई। कहा जा रहा है कि फिर टीम की जांच इस घर के दूसरे हिस्से में वॉल्ट के लॉकर तक पहुंची। छापेमारी करने गई टीम भी लॉकर गिनते हुए हैरान हो गई।
कुल 700 लॉकर गिनती में सामने आए हैं। टीम ने वॉल्ट चलाने वाली एजेंसी के कर्मचारियों को तलब कर सभी लॉकर का ब्यौरा अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद लॉकर के जो मालिक हैं उनको टीम ने बुलाकर एक-एक कर खुलवाना शुरू किया। कई लॉकर मिलान में ऐसे मिले, जिनके मालिक का नाम पता ही साफ नहीं था। कुछ लॉकर के मालिक का नाम पता भी नहीं मिला। इस संदेह पर लॉकर कटवाए और खुलवाए गए। इनमें कैश निकला जिसकी गिनती शुरू हुई। आयकर विभाग की जांच पड़ताल मंगलवार देर रात तक जारी रही।
80 प्रतिशत लॉकर की जांच और मिलान हो चुका है। 100 से ज्यादा लॉकर की जांच होनी अभी बाकी है। इसमें विभाग की टीम लगी हुई है।
महिला के नाम पर लॉकर एजेंसी
विभाग के मुताबिक रिटायर्ड आईपीएस के घर में चल रही मैनसम नोएडा वॉल्ट्स एजेंसी शशि नाम की महिला के नाम पर है। वह महिला रिटायर्ड आईपीएस के परिवार से हैं। इस नाम से एजेंसी का संचालन कई साल पहले शुरू हुआ था।
आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, डॉक्टर्स के लॉकर मिले।
चाबी के साथ न्यौता
आयकर विभाग की टीम सिक्यॉरिटी वॉल्ट में मिले सभी लॉकर का मिलान कर उनके मालिकों को चाबी के साथ पूछताछ के लिए बुला रही है। इसमें कई रिटायर्ड और मौजूदा आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, डॉक्टर, कारोबारियों के लॉकर हैं। अब छापेमारी के बाद ये अधिकारी खुद जाने से बच रहे हैं तो अपने प्रतिनिधियों के तौर पर किसी और को भेज रहे हैं। कुछ तो लखनऊ में भी रह रहे हैं।
'साहब ने कहा था कि सुविधा शुरू हुई है, एक लॉकर बुक करवाओ'
आयकर विभाग की टीम जिनको पूछताछ के लिए बुला रही है, उनसे यह भी पूछ रही है कि लॉकर यहां पर लेने, कैश या जूलरी रखने का मकसद क्या था। इस पर सभी का अलग-अलग जवाब आ रहा है। ऐसे ही मंगलवार को एक व्यवसायी पहुंचा था। उसने टीम को बताया कि साहब तब सेवा में थे। एक कार्यक्रम में मिले थे। वहीं पर कहा था कि एजेंसी की सेवा शुरू की है। एक लॉकर तुम बुक करवाओ। आम तौर पर सिक्यॉरिटी वॉल्ट के लॉकर जूलरी रखने के लिए लोग बुक करवाते हैं। लेकिन कई लॉकर में कैश भी निकल रहा है। वेरिफिकेशन के लिए पहुंचने वालों से आयकर की टीम यह भी सवाल कर रही है कि कैश बैंक में क्यों नहीं रखते। इसका जवाब दे पाना मुश्किल हो रहा है।

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