अन्तराष्ट्रीय महिला महिला दिवस पर सबसे अधिक उम्र की लोक गायिका श्रीमती कौशा वाई को उपहार देकर सम्मानित किया
*महिलाओं को योगदान किसी भी क्षेत्र में पुरुषो से कम नही: लक्ष्मी जाटव सुपोषण सखी गूगरीपुरा
*गांव की 10 महिलाओं को महिला अधिकारों के प्रति जागरुक होने पर फूल माला पहनाकर एवं उपहार देकर सम्मानित किया
*गांव में रैली निकालकर महिलाओं ने अपने अधिकारों के प्रति जागरुकता पैदा की
शिवपुरी। महिलाओं को सम्मान देने के लिए हर साल 8 मार्च को इंटरनेशनल विमेंस डे के रूप में मनाया जाता है। कहा जाता है कि एक महिला सारे रिश्तों को एक माला में पिरोकर रखती है और महिलाओं का योगदान किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कहीं ज्यादा ही होता है। वो घर को संभालती है और ऑफिस की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाती है। यही नहीं देश की तरक्की में भी महिला मुख्य भूमिका निभाती हैं। महिलाओं को उनके कार्यों के लिए विशेष सराहना देते हुए ही हर साल 8 मार्च को पूरे देश ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया जाता है जिससे पूरा विश्व महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मना सके। इसी तारतम्य मे शक्तिशाली महिला संगठन ने गूगरीपुरा ग्राम पर नारी शक्ति सम्मान सह संबाद कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें लोक गायिका श्रीमती कौशा बाई जाटव ने अपने सम्मान कार्यक्रम मे कहा कि पहली बार मेरे गांव में आकर किसी संस्था ने महिला अधिकारों के प्रति अलख जगाने के लिए कार्यक्रम किया है उन्होने कहा कि दुनिया में महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से आगे हैं। देश ही नहीं विदेशों तक नाम रौशन करने वाली महिलाएं निश्चित ही सामान के काबिल हैं। इसलिए उन महिलाओं के सामान में महिला दिवस मनाना बहुत जरूरी है। कहीं न कहीं ये उन महिलाओं को सम्मान देने का तरीका है जो समाज को आगे बढ़ा रही हैं। इसके अलावा महिलाओं को लेकर समाज के लोगों को जागरूक करने महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और उन्हें प्रेरित करने के लिए भी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस बहुत महत्त्वपूर्ण है। लोक गायिका ने कहा कि में पिछले 50 साल से बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए दूर दराज के गांव में अपनी लोेक गीतों से समुदाय में अलख जगाने का प्रयास कर रही हूं उनका ग्रामीण क्षेत्रो में प्रसिद्ध लोक गीत बचपन में पापा ने नेक न पढ़ाई वड़ी आफत है आयी गाकर समुदाय को सुनाया इसके साथ उन्होने कहा कि महिलाओं को अगर आर्थिक रुप से आत्म निर्भर बना दिया जाए तो महिला हिंसा एव उससे जुड़ी कई समस्याओं का खात्मा हो सकता है। कार्यक्रम संयेाजक पूजा शर्मा ने बताया कि आज ग्राम पंचायत गूगरीपुरा में महिला दिवस के अवसर पर पूरे गांव की महिलाओं को अलख जागने के लिए रैली निकाली गई एवं उपस्थित महिलााअें को महिला अधिकारो के प्रति जागरुक किया कार्यक्रम में लक्ष्मी जाटव ने कहा कि आज की महिलाए किसी भी काम में पुरुषो से कम नही है बल्कि वह पुरुषो से भी अच्छे से काम करती है अपना घर चलाती है पुरुष जो ज्यादातर समय जुआं खेलने में व्यतीत करती है। इसीलिए महिलाए हर काम मे बेहतर है कार्यक्रम में 10 गांव की महिलाओं को महिला अधिकार के बारे में पता होने पर उनको अतिथियों द्वारा सम्मानित किया । सम्मान पाने वाली महिलाओं में लक्ष्मी रावत, कौशा, कमला , सरुपी , शाीतल, गुड्डी , प्रीती, सीमा, संगनी जाटव एवं लवीना रावत थी। कार्यक्रम में पूजा शर्मा ने कहा कि महिलाओं को एक दुसरे का सहयोग करना चाहिए और महिलाओं के भलाई के लिए आगे आना चाहिए। कार्यक्रम में शक्तिशाली महिला संगठन की टीम से वर्षा शर्मा, कमलेश कुश्वाहा , पूजा, साहव सिह, धर्म गिरी , पुरुषोत्तम , बलवीर यादव और गांव के सचिव राम सिंह शिवहरे ने महत्वपूर्ण सहयोग किया लोग गायिका कौशा वाई ने लोक गीतो से कार्यक्रम में उपास्थित महिलाओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।

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