Responsive Ad Slot

Latest

latest

'आओ सखी एक कदम आगे तो आओ': आइये जानिए करीब से 'निशु उपाध्याय' को

मंगलवार, 8 मार्च 2022

/ by Vipin Shukla Mama
सखी तुम क्यूँ डरती हो आने से आगे
क्योंकि मात्र तुम एक नारी हो, 
नहीं सखी अब और नहीं डरना, 
अपनी प्रतिभा को यूं अपने अंदर नहीं और है मारना , 
आगे आकर अपनी ताकत का एहसास हमें सबको है कराना l
नहीं है सखी अब अपना जीवन घर की चारदीवारी तक, 
नहीं है सखी अपना जीवन सीमित एक जननी बनने तक l
जीवनदायिनी हम सृष्टि की अनुपम कृति हैं, 
क्यों सखी फिर सबसे डर के हमने अपने सपनों को है दफनाया l
क्या हमें अपने सपनों को पूरा करने का हक नही, 
जिसने इस धरती पर पुरुषों को जन्म दिया उन पुरुषों से डरकर क्यों उसने अपने को है सीमित किया l
नहीं सखी अब और नहीं हमको घर की चारदीवारी में है रहना ,
आओ सखी अब हाथ से हाथ मिलाए एक कदम आगे और बढ़ाएं 
आर्थिक ,सामाजिक , तकनीकी,राजनैतिक सभी क्षेत्रों में अपनी भागीदारी बढ़ाएं l
सखी अपने सपनों को प्रतिभाशाली पंखों के सहारे इतना ऊंचाई तक हमें है ले जाना, 
 पुरुष प्रधान समाज को अपनी प्रगति से स्त्री सम्मान का एहसास है करवा जाना l
पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर अब हमें आगे है चलना
आओ सखी एक कदम आगे तो आओ 
अपनी नारी शक्ति का परचम दुनिया में लहराओ
महिला दिवस पर सभी नारियों को समर्पित मेरी ये पंक्तियाँ
निशु उपाध्याय
पुस्तकालय अध्यक्ष
केंद्रीय विद्यालय आइटीबीपी शिवपुरी
-
निशु जी की कलम से जानिये कौंन हैं वे
मैं निशु उपाध्याय वर्तमान में केंद्रीय विद्यालय आइटीबीपी शिवपुरी में पुस्तकालय अध्यक्ष के पद पर कार्यरत हूं l मैं मूलतः आगरा की रहने वाली हूँ l मेरे पिताजी श्री कृष्ण मोहन उपाध्याय रेलवे से सेवानिवृत्त हैं l  हम चार बहने हैं l मैं घर में सबसे छोटी हूं l  मुझे बताते हुए बहुत खुशी होती है कि मेरे माता पिता ने कभी भी हम चारों बहनों की परवरिश में, शिक्षा से संबंधित किसी भी क्षेत्र में  और हमने जो भी करना चाहा कभी रोका ही नहीं बल्कि पूरा सहयोग किया l उन्होंने कभी भी हमें ऐसा एहसास नहीं कराया कि लड़कियां किसी से कम होती हैं l उनको हमेशा ही अपनी बेटियों पर गर्व रहा l मेरी सबसे बड़ी बहन रेलवे में स्टेशन मास्टर के पद पर कार्यरत हैं दूसरे नंबर की बहन एक कुशल ग्रहणी है तीसरे नंबर की बहन सामाजिक कार्यकर्ता हैं l  मैं भी एक बेटी की माँ हूं  जिसकी उम्र अभी तेरह साल है l मैं आपको बताना चाहूंगी कि मैंने अपने विवाह के उपरांत भी अपना सरनेम उपाध्याय ही रखा क्योंकि मैं चाहती थी कि मैं एक बेटे की भाँति ही अपने पापा का सरनेम लेकर ही अपने जीवन में आगे बढूं l   वर्ष 2007 में मेरा चयन पुस्तकालय  अध्यक्ष के पद पर एयर फोर्स स्कूल आगरा में हुआ किंतु उस समय मुझे एयर फोर्स स्कूल से एयर फोर्स स्टेशन की लाइब्रेरी में अटैच कर दिया गया l वहां मैंने 2007 से 2012 जनवरी तक कार्य किया l नौकरी करते वक्त ही  मैंने केंद्रीय विद्यालय संगठन की भी परीक्षा पास कर ली और मार्च 2012 को मैंने केंद्रीय विद्यालय आइटीबीपी शिवपुरी में पुस्तकालय अध्यक्ष के पद पर ज्वाइन कर लिया l तभी  से मैं लगातार केंद्रीय विद्यालय आइटीबीपी शिवपुरी में अपनी सेवाएं दे रही हूं l मैं चाहती हूं कि मैं जहां भी कार्य करूं पहले स्वयं अपने कार्य से संतुष्ट हूं  और मेरा हर कार्य बच्चों की भलाई ,बच्चों के अच्छे भविष्य में सहायक हो l साथ ही मैं आपको बताना चाहूंगी कि मेरे पिताजी भी बहुत अच्छे लेखक रहे हैं l दैनिक जागरण ,हिंदुस्तान, अमर उजाला आगरा में उनके आर्टिकल्स प्रकाशित होते रहते थेl  उनके लेखन से प्रभावित होकर ही मैंने लेखन का कार्य शुरू किया है l  भविष्य में मैं समाज की महिलाओं के लिए कार्य करना चाहती हूंl इस ओर यह मेरी नई शुरुआत है अपने प्रयासों द्वारा मैं अपने इस सपने को पूरा करने का अथक प्रयास करूंगी 
जय हिंद वंदे मातरम्🙏🙏
निशु उपाध्याय
पुस्तकालय अध्यक्ष
केंद्रीय विद्यालय आइटीबीपी शिवपुरी



कोई टिप्पणी नहीं

एक टिप्पणी भेजें

© all rights reserved by Vipin Shukla @ 2020
made with by rohit Bansal 9993475129