राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस पर डॉक्टर संजय ऋषिश्वर ने सम्मानित किया
*इंसानों को ज्ञात गंभीर और घातक बीमारियों या महामारियों से बचाने के लिए टीकाकरण ही सबसे प्रभावी उपाय है: डा संजय ऋषिश्वर डीआईओ
* टीके को बढ़ावा देने के लिए आशा कार्यकर्ताओं को टीकाकरण चक्र प्रदान किये व उनको इसके महत्व के बारे में समझाया
शिवपुरी। वर्ष 2022 की शुरुआत से ही बच्चों से लेकर वृद्धजनों तक टीकाकरण यानी वैक्सीनेशन के बारे में सबने पढ़ा और सुना होगा। बीते साल की शुरुआत से ही चरम पर रही कोरोना महामारी के भयावह प्रकोप का खतरा सबको डराता रहा। हालांकिए इस सबको इस बात से राहत मिली है कि अब कोविड19 महामारी के खिलाफ वैक्सीन बन चुकी है। साथ ही दुनियाभर में टीकाकरण अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि देश में प्रत्येक वर्ष 16 मार्च के दिन नेशनल वैक्सीनेशन यानी राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जाता है। इसके महत्व को समझते हुए शक्तिशाली महिला संगठन शिवपुरी एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सतनवाड़ा ने संयुक्त रुप से एएनएम प्रशिक्षण केन्द्र में आज टीकाकरण दिवस पर एक सैकड़ा आशा कार्यकर्ताओं एवं उनकी सहयोगीयो को टीकाकरण में उत्कृष्ट कार्य करने पर मुख्य अतिथि जिला टीकाकरण अधिकारी डा संजय ऋषिश्वर द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया कार्यक्रम के शुभांरभ में कार्यक्रम डा संजय ऋषिश्वर ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ के अनुसारए टीकाकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले विकार या वायरस के खिलाफ मजबूत हो जाती है। टीका शरीर में मौजूद रक्त में घुलने के बाद स्वास्थ्य प्रतिरक्षा प्रणाली को एंटीबॉडी बनाते हुए बाहरी आक्रमण यानी वायरस के हमलों से सुरक्षित बनाने में मदद करता है। टीकाकरण के बाद एंटीबॉडी बनने से वायरस या बैक्टीरिया जैसे कीटाणु कमजोर हो जाते हैं या खत्म हो जाते हैं या कमजोर कर देते हैं। जिससे व्यक्ति बीमारी का शिकार नहीं बन सकते हैं। देश में पहली बार राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस 16 मार्च 1995 को मनाया गया था। उस दिन देश में ओरल पोलियो वैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी। देश में विकलांगता की जनक मानी जानी वाली पोलियो महामारी को खत्म करने के लिए भारत सरकार द्वारा पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत की गई थी। पिछले कुछ दशकों में टीटी पोलियो टीबी जैसी घातक बीमारियों से लड़ने के लिए टीके एक अभिन्न हथियार के तौर पर उभरे हैं और इनके कारण लाखों लोगों की जिंदगियां बचाई जा सकीं हैं। वर्तमान दौर में टीकाकरण के महत्व को कमतर नहीं आंका जा सकता है। इंसानों को ज्ञात गंभीर और घातक बीमारियों या महामारियों से बचाने के लिए टीकाकरण ही सबसे प्रभावी उपाय है। भारत में पोलियो उन्मूलन इसका ज्वलंत उदाहरण है। अगर यह संभव हो पाया है तो हमारी मैदानी आशा कार्यकर्ता एवं सहयोगिनीयों के द्वारा उनके द्वारा अपने कार्य को गंभीरता से किया गया जिसके कारण हम कोरोना एवं पेालियो की जंग जीत पाए एवं आगे भी जो 0 से 5 साल तक के बच्चों के टीकाकरण का प्रतिशत बढ़ाने एवम प्रदेश में प्रथम स्थान पर आने का प्रयास करेगें । कार्यक्रम में शक्तिशाली महिला संगठन की टीम से प्रोग्राम ऑफिसर श्रध्दा जादौन ने म.प्र0 शासन स्तर से आए 0 से पाचं वर्ष के बच्चों के लिए टीकाकरण चक्र जिसके माध्यम से एक भी टीके से हितग्राही चूकेगा नही एवं आशा कार्यकर्ताओं को अपने काम करने मे काफी राहत मिलेगी यह चक्र सभी आशाओं को प्रदान किए अब आशा इस टीके चक्र का उपयोग हितग्राहियों के लिए करेगी। उन्होने कहा कि समझारी दिखाए, सम्पूर्ण टीकाकरण करावाये और शिवपुरी को टीकाकरण में अव्वल लाए। कार्यक्रम में बीसीएम संतोष शर्मा ने कहा कि 5 साल 7 बार छूटे न टीका एक भी बार का अगर हमारी आशा वहने एवं उनकी सहयोेगी 0 से 5 साल तक के बच्चो के माता पिता को याद करा दें तो हम टीकाकरण में प्रथम में टाॅप 10 में आ सकते है। कार्यक्रम में आशा कार्यकर्ताओं ने टीकाकरण मे देरी होने पर आ रही व्यवहारिक दिक्कतों को भी जिला टीकाकरण अधिकारी से साझा की उन्होने आशाओं को तत्काल हर समस्या का निराकरण करने की बात कही । आज सम्मान पाने वाली 75 आशा कार्यकर्ता जो कि शिवपुरी ग्रामीण के दूर दराज के क्षे.त्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही है इसके साथ ही इनकी 25 आशा सहयोगिनी को भी आज प्रशस्त्री पत्र देकर सम्मानित किया । कार्यक्रम में एक सैकड़ा आशा कार्यकर्ता , आशा सहयोगिनी, शक्तिशाली महिला संगठन की टीम, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सतनवाडा के बीसीएम संतोष शर्मा ने मुख्य रुप से भागीदारी की।
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