पानी की एक एक बूंद बचाने के लिए समुदाय को आगे आना व्यर्थ जल न बहाए:- अरविन्द शर्मा एसडीओ पीएचई
* 20 आदिवासी परिवारों को स्वच्छ जल के लिए वाटर किट प्रदान की
शिवपुरी। संयुक्त राष्ट्र हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस लोगों में स्वच्छ पानी और उसके टिकाऊ प्रबंधन के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए मनाता है मानवता को कायम रखने के लिए साफ पानी से जुड़ी समस्याओं और चुनौतियों की जानकारी होना आज की बड़ी आवश्यकताओं में से एक है इसमें भूमिगत जल की सबसे बड़ी भूमिका है यह कहना था शक्ति शाली महिला संगठन के संयोजक रवि गोयल का जो की संस्था द्वारा ग्राम चितौरी खूर्द मेंआयोजित जल है तो जीवन है जागरूकता कार्यक्रम में बोल रहे थे प्रोग्राम में पीएचई विभाग के अनुविभागीय अधिकारी अरविंद शर्मा ने कहा कि दुनिया में पानी बहुत है लेकिन फिर संसार जल संकट का सामना कर रहा है बहुत ही कम लोगों को यह समझ पाते हैं कि दुनिया में मौजूद कुछ ही तरह का पानी इंसानी उपयोग और पीने योग्य है इस तरह के पानी की ना केवल मात्रा काफी कम है बल्कि हर जगह यह उपलब्ध भी नहीं हैं संयुक्त राष्ट्र के संधारणीय विकास के लक्ष्यों में एक है कि साल 2030 तक सभी को पानी और स्वच्छता उपलब्ध हो सके कार्यक्रम में उपयंत्री पीके गुप्ता विकासखण्ड शिवपुरी ने कहा कि साफ और सुरक्षित पानी में भूमिगत जल के महत्व को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने इस बार विश्व जल दिवस पर इसे अपनी थीम में शामिल किया है। प्रोग्राम में न्यूट्रीशन चैंपियन सोनम शर्मा ने कहा की पानी के विना सभी पौधों और जानवरों का इसके बिना अस्तित्व ही संकट में आ जाएगा लेकिन मानवीय जीवन में जिस तरह की विकास उद्योग आदि के नाम पर जिस तरह से प्राकृतिक संसाधनों का जो दोहन हो रहा है वह पानी की कमी जैसे स्थितियां पैदा करने के लिए कम जिम्मेदार नहीं हैं दुनिया में पानी हर जगह है पृथ्वी की सतह का दो तिहाई हिस्सा पान से ढका है लेकिन दुनिया का एक प्रतिशत से भी कम पानी स्वच्छ और सुरक्षित जल की श्रेणी में रखा जा सकता है इसी लिए दुनिया जल सकंट का सामना करती हैण् दुनिया में बहुत से लोगों तक साफ पानी तक पहुंच नहीं है लगभग सभी स्वच्छ पानी भूमिगत जल के होने से आज के समय इसके महत्व लोगों तक पहुंचाने के लिए संस्था द्वारा 20 आदिवासी परिवारों के बच्चो को वाटर किट एसडीओ अरविंद शर्मा के हाथो एवम शक्ति शाली महिला संगठन की टीम के द्वारा संयुक्त रूप से वितरित किया। वर्षा शर्मा ने कहा कि इस साल संयुक्त राष्ट्र ने 22 मार्च 2022 के लिए विश्व जल दिवस पर ग्राउंड वाटर मेक द इनविजिबल विजिबल यानी भूमिगत जल ना दिखने वाले को दिखाई देने वाला बनाएं नामक थीम का चयन किया है लव कुमार वैष्णव ने कहा की जलवायु परिवर्तन से बिगड़ते हालात के चलते भूमिगत जल का उपयोग और भी ज्यादा संवेदनशील होने लगा है पानी का उपयोग मानवीय गतिविधियों के लिए बढ़ने लगा है कृषि से लेकर उद्योगों में पानी की जरूरत बढ़ती जा रही है और इसकी वजह से भूमिगत पानी का भी उपयोग बेतरतीब तरीके से बढ़ता जा रहा है संयुक्त राष्ट्र ने इसी लिए इस साल भूमिगत पानी के प्रंबंधन पर जोर देने का विचार किया है कार्यक्रम में सुपोषण सखी लक्ष्मी .सिंधिया सोनम आदिवासी ,अनन्या . रामदुलारी अरविंद,आरती हसीना बलवन्त ,परी अर्जुन , अमरावती नरेश ,सन्तासोनम,नीतू,भोटु,हरदेव,लक्ष्मी,हीना, माना,जनको को किट प्रदान की।

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