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शिवपुरी में भी जिहादियों के स्लीपर सेल की जांच हो: धैर्यवर्धन

शुक्रवार, 25 मार्च 2022

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। शिवपुरी में भी जिहादियों के स्लीपर सेल की जांच किये जाने की मांग बीजेपी नेता धैर्यवर्धन शर्मा ने की है। उन्होंने जारी बयान में कहा कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के बैनर तले लगभग आधा दर्जन लॉगो ने शिवपुरी प्रशासन को द कश्मीर फाइल्स फिल्म पर रोक लगाने के लिए ज्ञापन सौंपकर अपनी बौखलाहट दिखा दी है। ज्ञात हो भाजपा नेता धैर्यबर्धन ने कल ही दो शो फिल्म के आम जन के लिए मुफ्त मे दिखवाई हैं। भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता धैर्यवर्धन ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कश्मीर के जिहादी निजाम ए मुस्तफा का नारा लगाकर कत्ल ए आम करने वाले इन आपत्तिकर्ताओं के खाला जान के लड़के तो नहीं थे फिर इनको इतनी मरोड़ क्यूँ हो रही है ।
भाजपा नेता धैर्यवर्धन ने कहा कि पूर्व मे भी शिवपुरी मे प्रतिवन्धित् संगठन सिमी आदि के इनपुट की चर्चा होती रही है । एक रैकेट ने ग्रामीण हिन्दू परिवार का धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास भी किया था । अभी गाय को मारने की घटना भी शिवपुरी जिले मे सामने आयी थी अतः प्रशासन को चाहिए कि शिवपुरी में भी स्लीपर सेल की अविलम्ब जांच होनी चाहिए । केरल के इस दल का इनसे क्या सम्बन्ध है इसकी भी   पड़ताल होनी चाहिए । पिछ्ले दिनों एक पानी पूरी बेचने वाले दलित युवक की श्रीनगर मे हत्या की गई तब ये लोग ज्ञापन देने क्यूँ नहीं आए । जब सरे आम भारत का राष्ट्रीय ध्वज कश्मीर के आतंकियों द्वारा जलाया जाता था तब शिवपुरी मे इन तत्वों ने चुप्पी क्यूँ ओढ़ रखी थी । कश्मीर घाटी को गजवा ए हिंद की प्रयोगशाला बनाया गया था जो मोदी सरकार द्वारा अनुच्छेद तीन सौ सत्तर समाप्त करके उनके मंसूबे को समाप्त किया है ।
शिवपुरी मे शांति पूर्ण ढंग से लॉगो ने सेंसर बोर्ड से विधिवत पास इस फिल्म को देखा गया । दर्शकों द्वारा कहीं पर भी कोई उग्र प्रतिक्रिया भी नहीं दी गई फिर भी कुछ तथाकथित पदाधिकारी मुसलिम युवकों ने ज्ञापन बाज़ी करके अनावश्यक मामले को तूल देने का प्रयास किया है ।
भाजपा नेता धैर्यवर्धन ने कहा कि उन्नीस सौ नवासी तक कश्मीर घाटी मे  पचहत्तर हज़ार तीन सौ तितालीस परिवार थे जिनको आतंक के मारे घर छोड़ना पड़ा ।
कश्मीर मे सौ से अधिक मंदिर तोड़े गए , एक आतंकी ने बीस से अधिक हत्याओं की बात सारे आप टेलीविज़न पर इंटरव्यू मे स्वीकारी तब देश मे किसी का हृदय नहीं पसीजा ।
लगभग चार सौ कश्मीरी पंडितों की हत्या के बाद भी सिलसिला थमा नहीं, उसके बाद कई सिख परिवार और दलितों की हत्या की गई । कश्मीर मे कानूनी तौर पर अनुसूचित जातियों के लोगों को सरकारी नौकरी नहीं दी जाने का प्रावधान था । भाजपा नेता धैर्यवर्धन ने मांग की है कि कल सौंपे गए ज्ञापन पर जितने लोगों ने हस्ताक्षर किये हैं उनकी मंशा और केरल के राज्नैतिक् दल् से उनके सम्बन्धो के प्रकार की जांच की जानी चाहिए ।

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