शिवपुरी। नगर के विवाह घरों में नियमों का खुला उल्लंघन हो रहा है। बिना पार्किंग के विवाह घर संचालित हो रहे हैं नतीजे में सड़कों पर पार्किंग की जा रही है जिसके नतीजे में
करौंदी से लेकर पोहरी चौराहे तक हर दिन जाम के हालात बन रहे हैं। इस मार्ग पर सैकड़ों विवाह घर संचालित हैं। कई विवाह घरों का इनमें से नियमों के विरुद्ध संचालन किया जा रहा है। साथ ही 10 डेसीबल से ज्यादा का शोर नहीं होना चाहिए। रात को 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक डीजे नहीं बजना चाहिए लेकिन यह सभी नियम ताक पर रखकर रात को 2 से 3 बजे तक दम से डीजे बज रहे हैं। डेसीबल इतना है कि आपके कान फट जाए। इसके अलावा रात को सड़कों पर जाम के हालात बनते हैं जिसे लेकर एडवोकेट विजय तिवारी ने नपा प्रशासक व कलेक्टर अक्षय सिंह, सीएमओ शैलेश अवस्थी को नोटिस थमा दिया है। थमाए गए नोटिस में उन्होंने उल्लेख किया है कि 14 दिसंबर 2014 में उन्होंने शहर के सैकड़ों विवाह घरों में नियम विरुद्ध ढंग से संचालन और पंजीयन ना होने के बावजूद पार्किंग के अभाव में विवाह घर चलाए जाने को लेकर एक पीआईएल यानी जनहित याचिका न्यायालय में दायर की थी जिसे लेकर न्यायालय ने कड़े निर्देश जारी किए थे और कहा था कि शहर में संचालित होने वाले सभी विवाह घरों का पंजीयन अनिवार्य रूप से नगरपालिका में कराया जाए। इसके साथ ही रात को 10 से लेकर सुबह 6 बजे तक डीजे का शोर सुनाई नहीं देना चाहिए। 10 डेसीबल से ज्यादा का शोर करने की मनाही थी। साथ ही विवाह घर के लिए आवंटित भूमि का 30% हिस्सा पार्किंग के लिए होना अनिवार्य किया गया था। तत्कालीन अधिकारियों ने इस पर कड़ा रुख अपनाया और बिगड़ैल विवाह घर संचालकों को नोटिस थमा कर कठोर कार्रवाई अंजाम दी थी। जिसके नतीजे में नियम से विवाह कर संचालित होने लगे थे लेकिन वर्तमान में अनदेखी के चलते शहर के विवाह घरों में नियमों को ताक पर रख दिया गया है और रात को 2 से 3 बजे तक दम से डीजे बज रहे हैं। डेसीबल का शोर इतना अधिक है कि आपके कान फट जाएं। शहर के विवाह घरों में यह आलम है तो वहीं बैंड के साथ चलने वाले डीजे का भी डेसीबल कान फाडू हो गया है। इसके अलावा शहर में संचालित विवाह घरों के पास पार्किंग भी नहीं है। कई लोगों के पास पंजीयन नहीं है। इस तरह नियमों की धज्जियां उड़ा कर संचालित किए जा रहे वाहनों पर कार्रवाई करने के लिए एडवोकेट विजय तिवारी ने यह नोटिस थमाया है। उन्होंने 2014 की पीआईएल के नियमों का उल्लेख भी नोटिस में किया है और कहा है कि जल्द से जल्द यदि कार्रवाई नहीं की गई तो वे न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। जनहित से जुड़े मुद्दों को लेकर एडवोकेट विजय तिवारी मुखर रहते हैं और लगातार नोटिस देते हैं उन्होंने अब तक कई जनता से जुड़े मसलों को उठाया है और सड़कों के निर्माण से लेकर कई मामलों में उन्हें सफलता भी हासिल हुई है। उन्हीं में से विवाह घरों के संचालन का मुद्दा भी शामिल रहा है जिसे लेकर उन्होंने एक बार फिर से जिला प्रशासन के अधिकारियों को नोटिस थमा कर कार्रवाई अंजाम देने की बात कही है। आप एक नजर कीजिए नोटिस में क्या लिखा है।
करौंदी से लेकर पोहरी चौराहे तक हर दिन जाम के हालात बन रहे हैं। इस मार्ग पर सैकड़ों विवाह घर संचालित हैं। कई विवाह घरों का इनमें से नियमों के विरुद्ध संचालन किया जा रहा है। साथ ही 10 डेसीबल से ज्यादा का शोर नहीं होना चाहिए। रात को 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक डीजे नहीं बजना चाहिए लेकिन यह सभी नियम ताक पर रखकर रात को 2 से 3 बजे तक दम से डीजे बज रहे हैं। डेसीबल इतना है कि आपके कान फट जाए। इसके अलावा रात को सड़कों पर जाम के हालात बनते हैं जिसे लेकर एडवोकेट विजय तिवारी ने नपा प्रशासक व कलेक्टर अक्षय सिंह, सीएमओ शैलेश अवस्थी को नोटिस थमा दिया है। थमाए गए नोटिस में उन्होंने उल्लेख किया है कि 14 दिसंबर 2014 में उन्होंने शहर के सैकड़ों विवाह घरों में नियम विरुद्ध ढंग से संचालन और पंजीयन ना होने के बावजूद पार्किंग के अभाव में विवाह घर चलाए जाने को लेकर एक पीआईएल यानी जनहित याचिका न्यायालय में दायर की थी जिसे लेकर न्यायालय ने कड़े निर्देश जारी किए थे और कहा था कि शहर में संचालित होने वाले सभी विवाह घरों का पंजीयन अनिवार्य रूप से नगरपालिका में कराया जाए। इसके साथ ही रात को 10 से लेकर सुबह 6 बजे तक डीजे का शोर सुनाई नहीं देना चाहिए। 10 डेसीबल से ज्यादा का शोर करने की मनाही थी। साथ ही विवाह घर के लिए आवंटित भूमि का 30% हिस्सा पार्किंग के लिए होना अनिवार्य किया गया था। तत्कालीन अधिकारियों ने इस पर कड़ा रुख अपनाया और बिगड़ैल विवाह घर संचालकों को नोटिस थमा कर कठोर कार्रवाई अंजाम दी थी। जिसके नतीजे में नियम से विवाह कर संचालित होने लगे थे लेकिन वर्तमान में अनदेखी के चलते शहर के विवाह घरों में नियमों को ताक पर रख दिया गया है और रात को 2 से 3 बजे तक दम से डीजे बज रहे हैं। डेसीबल का शोर इतना अधिक है कि आपके कान फट जाएं। शहर के विवाह घरों में यह आलम है तो वहीं बैंड के साथ चलने वाले डीजे का भी डेसीबल कान फाडू हो गया है। इसके अलावा शहर में संचालित विवाह घरों के पास पार्किंग भी नहीं है। कई लोगों के पास पंजीयन नहीं है। इस तरह नियमों की धज्जियां उड़ा कर संचालित किए जा रहे वाहनों पर कार्रवाई करने के लिए एडवोकेट विजय तिवारी ने यह नोटिस थमाया है। उन्होंने 2014 की पीआईएल के नियमों का उल्लेख भी नोटिस में किया है और कहा है कि जल्द से जल्द यदि कार्रवाई नहीं की गई तो वे न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। जनहित से जुड़े मुद्दों को लेकर एडवोकेट विजय तिवारी मुखर रहते हैं और लगातार नोटिस देते हैं उन्होंने अब तक कई जनता से जुड़े मसलों को उठाया है और सड़कों के निर्माण से लेकर कई मामलों में उन्हें सफलता भी हासिल हुई है। उन्हीं में से विवाह घरों के संचालन का मुद्दा भी शामिल रहा है जिसे लेकर उन्होंने एक बार फिर से जिला प्रशासन के अधिकारियों को नोटिस थमा कर कार्रवाई अंजाम देने की बात कही है। आप एक नजर कीजिए नोटिस में क्या लिखा है।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें