शिवपुरी। यह प्रतिवर्ष 28 अप्रैल को मनाया जाता है। इस वर्ष, यह दिन सुरक्षा और स्वास्थ्य की संस्कृति के प्रति सामाजिक संवाद को बढ़ाने पर केंद्रित है। कार्य पर सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए विश्व दिवस 2022 विषय पर शक्ति शाली महिला संगठन ने अपने बाण गंगा स्थित परिसर में एक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमे शक्ति शाली महिला संगठन के संयोजक रवि गोयल ने बताया की कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए विश्व दिवस 2022 यह 28 अप्रैल को मनाया जाता है और दुनिया भर में व्यावसायिक दुर्घटनाओं और बीमारियों की रोकथाम को बढ़ावा देता है। संयुक्त राष्ट्र के
अनुसार, कोविड़ 19 महामारी के दौरान, कार्य स्थल पर मास्क, 2 गज की दूरी एवम सैनिटाइजर का उपयोग काम की सुरक्षा में महत्वपूर्ण थी। संदेश साफ था कि केसे भी मानव संसाधन में संक्रमण फैलने से रोका जाए। उन्होंने कहा की प्रभावी सामाजिक संवाद के माध्यम से, सरकारें और सामाजिक भागीदार निर्णय लेने की प्रक्रियाओं के सभी चरणों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। निस्संदेह, सामाजिक संवाद न केवल नीतियों और रणनीतियों में सुधार करने में योगदान देता है, बल्कि स्वामित्व और प्रतिबद्धता बनाने में भी मदद करता है, जो उनके तेजी से और अधिक प्रभावी कार्यान्वयन का मार्ग प्रशस्त करता है। प्रमोद गोयल न कहा कि कार्यस्थल में सुरक्षा और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए दिन मनाया जाता है, और कार्यस्थल पर काम से संबंधित चोट या बीमारी से मरने वालों के लिए, श्रमिक स्मृति दिवस उन्हें सम्मानित करता है। मान सिंह ने कहा की हर दिन ज्यादातर समय, लोग उस संगठन में खर्च करते हैं जहां वे पैसा कमाने के लिए काम करते हैं। कार्यस्थल पर स्वस्थ मानकों को बनाए रखना महत्वपूर्ण है, ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना, काम से संबंधित चोट आदि से बचा जा सके। श्रद्गा जादोन ने कहा की लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए विश्व दिवस मनाया जाता है। आपको बता दें कि इस दिन को मूल रूप से, यह एक जागरूकता बढ़ाने वाला अभियान है जो व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उभरते रुझानों पर अंतर्राष्ट्रीय ध्यान केंद्रित करता है। ललित ओझा ने अपने विचार में कहा की कार्य पर सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए विश्व दिवस 2022 का विषय "सकारात्मक सुरक्षा और स्वास्थ्य संस्कृति बनाने में भागीदारी और सामाजिक संवाद" है। लब कुमार वैष्णव ने कहा की कार्य पर सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए विश्व दिवस 2020 का विषय था " महामारी को रोकें: काम पर सुरक्षा और स्वास्थ्य जीवन बचा सकता है"। इस दिन का उद्देश्य कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय त्रिपक्षीय संवाद को प्रोत्साहित करना है।
अनुसार, कोविड़ 19 महामारी के दौरान, कार्य स्थल पर मास्क, 2 गज की दूरी एवम सैनिटाइजर का उपयोग काम की सुरक्षा में महत्वपूर्ण थी। संदेश साफ था कि केसे भी मानव संसाधन में संक्रमण फैलने से रोका जाए। उन्होंने कहा की प्रभावी सामाजिक संवाद के माध्यम से, सरकारें और सामाजिक भागीदार निर्णय लेने की प्रक्रियाओं के सभी चरणों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। निस्संदेह, सामाजिक संवाद न केवल नीतियों और रणनीतियों में सुधार करने में योगदान देता है, बल्कि स्वामित्व और प्रतिबद्धता बनाने में भी मदद करता है, जो उनके तेजी से और अधिक प्रभावी कार्यान्वयन का मार्ग प्रशस्त करता है। प्रमोद गोयल न कहा कि कार्यस्थल में सुरक्षा और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए दिन मनाया जाता है, और कार्यस्थल पर काम से संबंधित चोट या बीमारी से मरने वालों के लिए, श्रमिक स्मृति दिवस उन्हें सम्मानित करता है। मान सिंह ने कहा की हर दिन ज्यादातर समय, लोग उस संगठन में खर्च करते हैं जहां वे पैसा कमाने के लिए काम करते हैं। कार्यस्थल पर स्वस्थ मानकों को बनाए रखना महत्वपूर्ण है, ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना, काम से संबंधित चोट आदि से बचा जा सके। श्रद्गा जादोन ने कहा की लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए विश्व दिवस मनाया जाता है। आपको बता दें कि इस दिन को मूल रूप से, यह एक जागरूकता बढ़ाने वाला अभियान है जो व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उभरते रुझानों पर अंतर्राष्ट्रीय ध्यान केंद्रित करता है। ललित ओझा ने अपने विचार में कहा की कार्य पर सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए विश्व दिवस 2022 का विषय "सकारात्मक सुरक्षा और स्वास्थ्य संस्कृति बनाने में भागीदारी और सामाजिक संवाद" है। लब कुमार वैष्णव ने कहा की कार्य पर सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए विश्व दिवस 2020 का विषय था " महामारी को रोकें: काम पर सुरक्षा और स्वास्थ्य जीवन बचा सकता है"। इस दिन का उद्देश्य कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय त्रिपक्षीय संवाद को प्रोत्साहित करना है।
हर साल हजारों लोग व्यावसायिक दुर्घटनाओं या काम से संबंधित बीमारियों के परिणामस्वरूप मर जाते हैं और इसके परिणामस्वरूप हर साल लाखों मौतें होती हैं। निःसंदेह इस दैनिक विपत्ति की मानवीय कीमत बहुत अधिक है और गरीबों पर आर्थिक बोझ भी दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रथाएं हर साल वैश्विक स्तर पर सकल घरेलू उत्पाद को प्रभावित करती हैं।

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