शिवपुरी। सिंधिया राजवंश ने शिवपुरी को ग्रीष्मकालीन राजधानी क्यों बनाया था यह हम समय-समय पर देखते और सुनते रहे हैं। प्रकृति का अनमोल खजाना यहां भरा पड़ा है। 50 से अधिक पर्यटन स्थल यहां मौजूद हैं। देश के किसी भी हिस्से में चले जाइए लेकिन शिवपुरी की तरह खूबसूरती और हरियाली कल-कल करके बहते झरने आपको शायद ही कहीं नजर आएंगे। पुरातत्व के नजरिए से भी शिवपुरी धनवान है। यहां इतिहास गवाही देता है कि शिवपुरी पर्यटन के लिहाज से किसी भी मामले में कम नहीं है। यही वजह है कि साल के 12 महीने खुले रहने वाले माधव नेशनल पार्क में टाइगर सफारी बसाकर यहां टाइगर की दहाड़ सुनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री द ग्रेट ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर महा आर्यमन सिंधिया और कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया सहित मध्य प्रदेश के मुखिया सीएम शिवराज सिंह चौहान पर्यटन एवं संवर्धन समिति के साथ जुड़कर शिवपुरी में जल्दी ही टाइगर लाने की कवायद में जुटे हैं। नेशनल पार्क की सीमा बढ़ गई है और नेशनल पार्क में प्रवेश के लिए लगने वाला भारी-भरकम शुल्क भी घटाकर केवल ₹750 कर दिया गया है। इस राशि से अपने वाहन के साथ पर्यटक पार्क अंदर घूमने जा सकते हैं। सीसीएफ निमामा सहित नेशनल पार्क के उपसंचालक अनिल सोनी टाइगर सफारी के लिए लगातार प्रयत्नशील हैं। कई बैठकों का दौर हो चुका है कलेक्टर अक्षय सिंह, डिप्टी कलेक्टर शिवांगी अग्रवाल और पर्यटन संवर्धन समिति के अरविंद सिंह तोमर सहित सभी सदस्य चाहते हैं कि जल्दी ही शिवपुरी के पार्क में टाईगर आ जाएं। कुलमिलाकर नेशनल पार्क में टाइगर लाने की कवायद चल रही है और माधव नेशनल पार्क में टाइगर की दहाड़ सुनाई दे उससे पहले हम आपको सिंधिया राजवंश की संगमरमर छतरियों के बीच लिए चलते हैं। जहां भीषण गर्मी में भी हरियाली नजर आ रही है। छतरी ट्रस्ट के मैनेजर और इतिहास के जानकार अशोक मोहिते ने बताया कि टाइगर की तरह निशान वाली टाइगर बटरफ्लाई छतरी में मौजूद हैं।संगमरमर की छतरी के हरी-भरी बगीचे में आप टाइगर बटरफ्लाई देख सकते हैं वह भी एक नहीं बल्कि सैकड़ों की तादाद में उड़ती हुई नजर आ रही हैं। करीब से देखने पर आपको समझ आ जाएगा कि हम उसे टाइगर बटरफ्लाई क्यों कह रहे हैं। आप देखिए इस खूबसूरत नजारे को।

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