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गर्भवती माता तीन बार खाना खाएं, आयरन, कैल्श्यिम की गोली प्रतिदिन लें: डा यशस्वी मेहता मेडिकल ऑफीसर

मंगलवार, 19 अप्रैल 2022

/ by Vipin Shukla Mama
आदिवासी बाहुल्य पिछ़ड़ा गांव धुवानी में स्वास्थ जांच शिविर में आधा सैकड़ा बच्चों एवं किशोरी बालिकाओं को लाभान्वित किया
शिवपुरी। स्वयं सेवी संस्था शक्तिशाली महिला संगठन , स्वास्थ्य विभाग की राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की सतनवाड़ा की टीम ने संयुक्त रुप से 0 से 6 वर्ष तक के बच्चे , गर्भवती,धात्री  एवं किशोरी बालिकाओं के लिए राष्ट्रीय किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम ने डा यशस्वी मेहता ,डा. बृजमोहन  एवम डॉक्टर नीरज सुमन ने आदिवासी बाहुल्य ग्राम धुवानी  में  आधा सैकड़ा ग्रामीणों  जिनमें 10 कुपोषित बच्चे, 10 गर्भवती माताऐ,10 धात्री माताऐ,एवं 20 किशोरी बालिकाओं के स्वास्थ्य की जांच की एवं उनको आवश्यक परामर्श एवं दवाईयां निशुल्क वितरित की। अधिक जानकारी देते हुए कार्यक्रम के सूत्रधार एवं स्वयं सेवी संस्था शक्तिशाली महिला संगठन के संयोजक रवि गोयल ने बताया कि  अत्यधिक गर्मी में कुपोषित बच्चो की विशेष देखरेख खासतौर से आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रो में  बच्चों को विशेष देखरेख, स्वास्थ जांच एवं परामर्श की आवश्यकता है जिससे कि उनका पोषण स्तर सही रहे इसी के तहत आज  संस्था द्वारा स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल विकास क साथ मिलकर यह  स्वास्थ्य जांच शिविर सह परामर्श जिसमें कि गर्भवती माताओं के स्वास्थ्य एवं किशोरी के स्वास्थ्य की समस्याओं के  निराकरण के साथ साथ कुपोषित बच्चों के  स्वास्थ जांच राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य की टीम  ने की।  जिसमें कि डा0 सुमन ने कुपोषित बच्चों को देखा ज्यादातर बच्चे मौसमी बिमारी से ग्रसित पाए गए जिसमें कि दस्तए सर्दी जुकामए उल्टी जिनको कि आवश्यक परामर्श एवं दवाईया निशुल्क  फार्मासिस्ट द्वारा प्रदान किये इसके साथ साथ डा नीरज सुमन ने ग्रामीणो को साफ सफाई एवं बच्चा अगर खाना नही खा रहा है या सुस्त टाईप का हो रहा है तो तत्काल इसको डाक्टर या नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र पर दिखाऐ बच्चों के पालन पोषण में किसी प्रकार की लापरवाही न बरते उनको अपने सामने ताजा बना खाना दिन में तीन से चार बार खिलाए जिससे  आपके बच्चे की बृद्धि सही से होगी। कार्यकम में डा यशस्वी मेहता द्वारा गर्भवती एवं किशोरी बालिकाओं के स्वास्थ्य की जांच के उपरान्त पाया कि ज्यादातर गर्भवती माताओं एव किशोरी बालिकाओं का वजन आयु एवं लबांई के अनुसार कम पाया गया इनको खून की कमी से बचने के लिए प्रतिदिन आयरन से भरपूर हरे पत्तेदार पालक मैथी तोरई एवं टमाटर का सेवन करना चाहिऐ एवं आज हमारे द्वारा जो आयरन की  गोलिया प्रदान की है वह हर सप्ताह अनिवार्य से खानी चाहिऐ जिससे कि इनमें खून की कमी कम होगी एवं अपने व्यक्तिगत स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए। टीम द्वारा कुपोषित बच्चो को पौष्टिक अल्प मानक आहार प्रदान किया एवं उसके फायदे के बारे में बताया गया।  आधा सैकड़ा ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच करने के उपरान्त राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम की पूरी टीम द्वारा धूवानी गांव में घर पर जाकर  दो बच्चों के माता पिता से बात की एवं उनकी स्क्रीनिंग की । तदउपरान्त डा. यशस्वी मेहता, डा नीरज सुमन, मेडिकल आफीसर डा. ब्रज मोहन,  धर्मािगरी गौस्वामि , सुपोषण सखी,  आंगनवाड़ी आशा सहयोगिनी एवं सहायिका मुन्नी  ने आधा सैकड़ा बच्चों की जांच करने में महत्वूपर्ण भूमिका निभाई एवं आवश्यक दवाईयां केन्द्र पर उपलब्ध करायी जिसमें कि डा संजय ऋषिश्वर द्वारा आरबीएसके के मेडिकल आफीसर को निर्देश दिए है कि आप मेडिसिन्स भरपूर मात्रा में लेकर जाए  साथ ही दवाईयां जिसमें ओआरएस , आयरन कैल्श्यिम अनिवार्य रुप से ग्राम आरोग्य केन्द्र या आंगनवाड़ी केन्द्र पर उपलब्ध होना चाहिए ।

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