शिवपुरी। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मध्यभारत प्रान्त का दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय शिवपुरी में सम्पन्न हुआ,जिसमे प्रान्त भर के चयनित कार्यकर्ताओ ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
प्रशिक्षण वर्ग के दूसरे दिन हमारी साहित्य परम्परा पर राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर, स्वमूल्यांकन एवं जिज्ञासा समाधान पर राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री पवनपुत्र बादल व प्रशिक्षण वर्ग का तात्विक मूल्यांकन एवं पाथेय अखिल भारतीय साहित्य परिषद के अध्यक्ष सुशीलचंद्र त्रिवेदी ने लिया।
सुशीलचंद्र त्रिवेदी ने कहा कि सैद्धान्तिक और व्यवहारिक मूल्य आधारित साहित्य परिषद की कार्य पद्धति है,हमारा प्राचीन विज्ञान कहता है कि शब्द ब्रह्म होते है,शब्द साधना से राष्ट्रीय आराधना हमारे मूल में है।हमे अपने प्राचीन ज्ञान को डिकोड करने की आवश्यकता है,पुनर्जागरण की आवश्यकता है,पुनरावलोकन की आवश्यकता है।अमृत महोत्सव के अवसर पर पुरोधाओं की महान परम्परा को कृतज्ञता से याद करने से आत्मसात करने के संकल्प को हमने लिया है।
हमारी साहित्य परम्परा पर बोलते हुए पांचवे सत्र में राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर ने कहा कि हमारा कार्यकर्ता मूर्तिबद्ध साहित्यकार होना चाहिए,साहित्यकार और कार्यकर्ता इन दोनों भूमिकाओं में कार्य हमे करना है,पांच सौ साल बाद भी अक्षर ज्ञान नही लेकिन रामचरितमानस कंठस्थ होना हमारी ऐतिहासिक व साहित्यिक परम्परा का ही प्रमाण है,जो पीढ़ी दर पीढ़ी संस्कारो में चली आ रही है,क्यों नही घरों में लोग अपने बच्चों के नाम रावण और कंस नही रखते क्यों राम और कृष्ण ही रखते है?इसके मूल में हमारी समृद्ध साहित्यिक परम्परा है,जिसका पालन हम पीढ़ी दर पीढ़ी करते आये है,यही हमारी मूल शक्ति है यही हमारा मूल आधार है,इसे समझना और समझाना साहित्य परिषद का कार्य है।
साहित्य परिषद के संयुक्त महामंत्री पवनपुत्र बादल ने स्वमूल्यांकन प्रश्नोत्तरी के माध्यम से कार्यकर्ताओ के समक्ष कार्यक्रम,संगठन,कार्यकर्ता,साहित्य,और विस्तार पर प्रकाश डाला।
साहित्य परिषद के प्रांत अध्यक्ष डॉ कुमार संजीव ने समापन भाषण दिया,संचालन प्रांत महामंत्री आशुतोष शर्मा ने अतिथियों का स्वागत व स्मृति चिन्ह भेंट वर्ग संयोजक जयनारायण राठौर सीहोर,सह संयोजक धर्मेंद्र सोलंकी भोपाल,हरिबाबू निराला भिंड व शिवपुरी जिलाध्यक्ष प्रदीप अवस्थी ने किए।पुरुषोत्तम गौतम,प्रमोद भार्गव,सुकून शिवपुरी, लखनलाल खरे, योगेंद्र शुक्ल,डॉ एच पी जैन,साहित्य परिषद के जिला उपाध्यक्ष जयपाल जाट,विकास शुक्ल प्रचण्ड,गोविंद बाथम,आशीष खटीक,भूपेंद्र शर्मा,मनोज भार्गव रानू,हिमांशु गोहदकर,दुर्गेश गौर,जगतपाल दांगी,दीपक शर्मा पोहरी आदि का अभिनंदन भी प्रान्त अध्यक्ष डॉ कुमार संजीव ने किया।साहित्य परिषद के प्रदेश महामंत्री प्रवीण गुगनानी,बैतूल,मुकेश शांडिल्य टिमरनी,रवींद्र ओझा दतिया,अनिरुध्द सेंगर गुना ने मुख्य रूप से आयोजन में सक्रिय सहभागिता की।

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