सरकार ने तहसीलदार के पॉवर छीने कहा 1 साल से ज्यादा वाले जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र बनाएंगे कलेक्टर, इसी के चलते 15 मार्च से बन्द है प्रक्रिया
शिवपुरी। जिले में लोगों को जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। ताबड़तोड़ गर्मी पड़ रही है और लोग जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। जो लोग परेशान हैं उनमें वह लोग शामिल हैं जिनके जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र 1 साल पहले के हैं। जिसे लेकर कोर्ट के डायरेक्शन पर सरकार ने फरमान जारी कर दिया है कि 1 साल से ऊपर वाले जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र तहसीलदार नहीं बनाएंगे और कलेक्टर इसकी अनुमति देंगे। इधर काम के बेहद ज्यादा बोझ से दबे कलेक्टर के ऊपर एक और नया फरमान आने के बाद मुश्किलें बढ़ गई हैं जिसके नतीजे में जिले में 15 मार्च से जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनना बंद हो गए और लोग परेशान घूम रहे हैं। पहले यह प्रक्रिया तहसील के द्वारा अंजाम दी जाती थी जिन लोगों को जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती थी और नगरपालिका के रजिस्टर में यदि उनका उल्लेख नहीं होता था तो एफिडेविट के आधार पर वे अपना आवेदन तहसील में लगाते थे। लोक सेवा केंद्र के माध्यम से तहसीलदार इसे स्वीकृत करता था और बाद में नगरपालिका से जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनकर लोगों को मुहैया करा दिए जाते थे लेकिन इसी बीच सरकार ने नया नियम निकाल दिया कि तहसीलदार अब इसके लिए पात्र नहीं होंगे, कलेक्टर को इसके अधिकार दे दिए गए हैं। लेकिन जिले में तस्वीर साफ ना होने के चलते अब तक पूरी प्रक्रिया फंसी हुई है और लोग इधर से उधर चक्कर लगा रहे हैं। नगरपालिका कहती है कि तहसील जाइए, तहसीलदार कहते हैं कि अब मेरे अधिकार क्षेत्र में यह मामला नहीं है। एसडीएम भी इस बात से अनभिज्ञ हैं। नतीजे में लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। अब लोगों ने जिले के जागरूक और संवेदनशील कलेक्टर अक्षय सिंह से गुहार लगाई है कि वह इस मामले में कोई ठोस कदम उठाएं जिससे लोगों की परेशानी कम हो सके और उन्हें समय पर जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र मिल सके। बता दें कि इस मामले में जहां कई लोग बुजुर्गों के जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र ना बनने से अगली प्रक्रिया अंजाम नहीं दे पा रहे तो वहीं कुछ स्कूल के बच्चों व युवाओं के जन्म प्रमाण पत्र नहीं बनने से उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जो युवा नोकरी की तलाश में है उन्हें जन्म प्रमाणपत्र की जरूरत है लेकिन वह मिल नहीं पा रहा।
उदाहरण जिनके नहीं बन रहे प्रमाण पत्र
केस-1
मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं बन रहे
सत्यनारायण कहते हैं कि उनको अपने बुजुर्ग रुपवती बंसल जिनकी मृतुय 7 अक्टूबर 2005 को हुई जबकि गया बाई बंसल जिनकी मृत्यु 22 जून 2002 को हुई उनके मृत्यु प्रमाणपत्र चाहिये लेकिन नहीं बन रहे। जबकि एफिडेविट आदि सभी प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है।
केस- 2
इनके जन्म प्रमाणपत्र नहीं बन रहे
राजेश सक्सेना जिनकी दो बेटी हैं। एक का जन्म 92 जबकि दूसरी का 95 में हुआ उनके जन्म प्रमाणपत्र की जरूरत है। सभी प्रक्रिया एफिडेविट आदि पूरी कर दी फिर भी प्रमाणपत्र नहीं बन रहे।
यह बोले अधिकारी
सरकार ने कलेक्टर को अधिकृत कर दिया है जिसकी वजह से जिले में जन्म म्रत्यु प्रमाणपत्र नहीं बन रहे।
नरेश गुप्ता तहसीलदार शिवपुरी

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