शिवपुरी। झील संरक्षण परियोजना के अंतर्गत नगर में सीवर परियोजना लाई गई थी। करीब 58 करोड़ की यह योजना आज बढ़कर 100 करोड़ को पार कर गई है लेकिन योजना कब पूरी होगी यह कहना अब मुश्किल हो गया है। पीएचई की सरपरस्ती में योजना का काम पूरा करने की कवायद की जा रही है लेकिन काम है कि पूरा होने का नाम नहीं ले रहा। वर्तमान में नेशनल पार्क की सीमा में रात दिन कई हितेची खुदाई में लगी हुई है लेकिन आलम यह है कि 12 महीने बीत जाने के बावजूद भी शेष बची आधे किलोमीटर मुख्य पाइप लाइन को ठेकेदार नहीं बिछा पाया है। 500 मीटर में महज 150 मीटर लाइन ही बिछाई गई है, 350 मीटर बाकी है, जबकि यह 3 महीने में पूरी होनी थी। उस पर भी यहां बेहद छोटे साइज के पाइप को बिछाने के लिए भारी भरकम गहराई और चौड़ाई में खुदाई की जा रही है जिसमें से बेश कीमती पत्थर निकल रहा है। यह पत्थर रात और दिन ट्रैक्टर और डंपर से कहां सप्लाई हो जाता है इस पर भी सवाल हैं। पीएचई विभाग की अनदेखी के चलते हैं या कहिए राजी राजी से ठेकेदार ने यहां अघोषित खदान खोद डाली है। जो परियोजना सालों पहले पूरी हो जाना चाहिए थी वह अब तक अटकी पड़ी है। पीएचई के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री एसएल बाथम ने योजना को तेजी से पूरा कराने की कोशिश की थी लेकिन साल भर पहले उनका तबादला हुआ उसके बाद से योजना पूरी तरह से खटाई में पड़ कर रह गई है। बीते दिसंबर महीने में इस योजना को पूरा करने का टारगेट था लेकिन आज अप्रैल चल रहा है और योजना पूरी नहीं हुई है कार्यपालन यंत्री एलएन सिंह का कहना है कि नई टाइमलाइन ले ली है और अब हम जल्दी ही इसे पूरा करेंगे। यह बात उन्होंने करीब 1 महीने पहले कही थी जिसके अनुसार मार्च में योजना पूरी होनी थी लेकिन अप्रैल में भी अगर आप नेशनल पार्क की सीमा में चल रही खुदाई को देखेंगे तो यह कहना मुश्किल है कि योजना 2022 तो छोड़िए 2023 में भी पूरी होगी या नहीं कहना मुश्किल है।
कुल मिलाकर शासन को करोड़ों रुपए की चपत लग रही है। योजना की कॉस्ट बढ़ती चली जा रही है लेकिन पीएचई के अधिकारियों को इस बात की कोई फिक्र नहीं है और वे ठेकेदार को मनमर्जी से काम करने दे रही है। आखिर किसके इशारे पर ठेकेदार यहां कछुआ गति से काम कर रहा है। बेशकीमती पत्थर को कहां भेजा जा रहा है इस बात का जवाब किसी के पास नहीं है। बता दें कि लॉक डाउन के चलते शहर की थीम रोड का काम नहीं रुका था। मंत्री श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया की सीधी निगरानी में लोनीवि के तत्कालीन ई ई बीएस गुर्जर ने रात दिन काम जारी रखा जिसके नतीजे में आज थींम रोड बनकर तैयार हो चुकी है। लेकिन सीवर परियोजना है कि वह आज तक पूरी नहीं हुई है। इस पूरे मामले की जांच की जाना बेहद जरूरी है(नोट- वीडियो कुछ दिन पहले शूट किया गया है)
और दोषी अधिकारियों को शिवपुरी से विदा भी करना जरूरी हो गया है। शहर की आवाम का कहना है कि संवेदनशील मंत्री रात दिन योजनाओं को पूरा कराने में जुटी हुई हैं लेकिन सीवर परियोजना को लेकर पीएचई ढुलमुल नीति अपनाती है और हर बार नई कहानी गढ़ लेती है जिसके नतीजे में योजना पूरी नहीं हो रही। जिस योजना ने पूरे शहर को तहस-नहस कर डाला कई लोगों को बीमार बना दिया। शहर की तमाम सड़कें बर्बाद कर दी। वह योजना आज भी अधूरी है तो लोगों के दिलों में दर्द होना लाजिमी हो जाता है।
और दोषी अधिकारियों को शिवपुरी से विदा भी करना जरूरी हो गया है। शहर की आवाम का कहना है कि संवेदनशील मंत्री रात दिन योजनाओं को पूरा कराने में जुटी हुई हैं लेकिन सीवर परियोजना को लेकर पीएचई ढुलमुल नीति अपनाती है और हर बार नई कहानी गढ़ लेती है जिसके नतीजे में योजना पूरी नहीं हो रही। जिस योजना ने पूरे शहर को तहस-नहस कर डाला कई लोगों को बीमार बना दिया। शहर की तमाम सड़कें बर्बाद कर दी। वह योजना आज भी अधूरी है तो लोगों के दिलों में दर्द होना लाजिमी हो जाता है।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें