पटियाला। सिद्धू को रोड रेज मामले (सड़क पर गुस्सा) में सुप्रीम कोर्ट ने एक साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था। सिद्धू ने कल शुक्रवार को पटियाला कोर्ट में सरेंडर कर दिया जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 34 साल पुराने रोडरेज मामले में सजा सुनाई है। सिद्धू से जिस व्यक्ति का झगड़ा हुआ था, उसकी मौत हो गई थी। अब नवजोत सिद्धू को पटियाला जेल में एक कुर्सी, मेज, दो पगड़ी, एक अलमारी, एक कंबल, एक बेड, तीन अंडरवियर और बनियान, दो टॉवल, एक मच्छरदानी, एक कॉपी पेन, एक शूज की जोड़ी, दो बेडशीट, चार कुर्ते पजामे और दो सिरहाने का कवर मिला है। सिद्धू में जेल को काम के बदले 30 से 90 रुपए प्रतिदिन मिलेंगे। सिद्धू को जेल में 12x15 फीट की बैरक नंबर 10 में रखा गया है। तस्कर मजीठिया बना साथी
सिद्धू के कट्टर प्रतिद्वंद्वी बिक्रम सिंह मजीठिया, जिसने इस साल फरवरी में मादक पदार्थों की तस्करी के एक मामले में आत्मसमर्पण किया था, वह भी पटियाला जेल में बंद है।
जानिये 1988 का यह पूरा मामला
बता दें कि सिद्धू के खिलाफ रोडरेज का मामला साल 1988 का है। सिद्धू का पटियाला में पार्किंग को लेकर 65 साल के गुरनाम सिंह नामक बुजुर्ग व्यक्ति से झगड़ा हो गया। आरोप है कि उनके बीच हाथापाई भी हुई। जिसमें सिद्धू ने कथित तौर पर गुरनाम सिंह को मुक्का मार दिया था। बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई। पुलिस ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया।
रोड रेज क्या होता है जान लीजिए
रोड रेज का मतलब सड़क पर छोटे-बड़े एक्सीडेंट के कारण हमको आने वाले गुस्से से है। कई बार ऐसा होता है कि जब आप सड़क पर चलते हैं या ड्राइव करते हैं तो कोई दूसरा व्यक्ति आपको या आपकी गाड़ी को टक्कर मार देता या टक्कर हो जाती है। या फिर सड़क पर चलते हुए किसी बात को लेकर दूसरे राहगीर से झगड़ा हो जाता है। कई बार ये झगड़े इतने बढ़ जाते हैं कि लोग सामने वाले की मारपीट, हमले में हम एक दूसरे की जान तक ले लेते हैं। यह किसी के भी साथ हो सकता है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो आप खुद को रोड रेज से बचा जा सकते हैं।
रोड रेज का मतलब सड़क पर छोटे-बड़े एक्सीडेंट के कारण हमको आने वाले गुस्से से है। कई बार ऐसा होता है कि जब आप सड़क पर चलते हैं या ड्राइव करते हैं तो कोई दूसरा व्यक्ति आपको या आपकी गाड़ी को टक्कर मार देता या टक्कर हो जाती है। या फिर सड़क पर चलते हुए किसी बात को लेकर दूसरे राहगीर से झगड़ा हो जाता है। कई बार ये झगड़े इतने बढ़ जाते हैं कि लोग सामने वाले की मारपीट, हमले में हम एक दूसरे की जान तक ले लेते हैं। यह किसी के भी साथ हो सकता है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो आप खुद को रोड रेज से बचा जा सकते हैं।
अपनी कार में डैश कैमरा लगाएं:
अपनी कार में डैश कैमरा लगाएं। इस कैमरे में आपकी ड्राइविंग के दौरान हुई सारी घटनाएं रिकॉर्ड होंगी। इस रिकॉर्डिंग के दम पर आप पुलिस के आगे क्लेम कर सकते हैं कि किसने आपकी गाड़ी को नुकसान पहुंचाया है। अगर किसी ने आपकी गाड़ी को नुकसान पहुंचाया होगा तो यह भी उसमें रिकॉर्ड हो जाएगा।
समय पर घर से निकलें: अगर आपको कहीं जाने की जल्दी है तो आपको घर से समय पर उस जगह जाने के लिए निकलना चाहिए। ताकि आप रैश ड्राइविंग न करें। कई बार किसी जगह जल्दी पहुंचने के चक्कर में लोग रश ड्राइविंग करने लगते हैं और इस चक्कर में रोड रेज के शिकार हो जाते हैं।
आपा न खोएं: अगर किसी की गाड़ी आपकी गाड़ी से टकरा जाए तो अपना आपा न खोए। सड़क पर होने वाले इन हादसों में गुस्सा दिखाया जाए तो सामने वाला भी अपनी गलती नहीं मानता झगड़ा हो जाता है। इसलिए समझदारी से काम लें।
गाने न सुनें: कार ड्राइव करते वक्त आपको गाना सुनने की आदत है तो कोशिश करें कि इस आदत को सुधार लें। ड्राइविंग करते वक्त गाने न सुनें। ऐसा कहा जाता है कि ड्राइविंग के वक्त गाना सुनने से तेज ड्राइविंग स्पीड बढ़ जाती है।

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