सामाजिक प्राणी हैं हम तो साबित कीजिये
प्रिया ने कहा कि हम सभी सोशल एनिमल हैं यानि सामाजिक प्राणी लेकिन असल में आज समाज की सूरत बदल गई है। हम पड़ोसी तो छोड़िये अपनों के बीच रहकर भी एकांत प्रिय हो गए हैं। इसलिए हमें इस दायरे से बाहर निकलना होगा। हर वो गतिविधि करनी होगी जिससे तनाव जाता रहे और खुशियों से दामन भर जाए। तभी हम सामाजिक प्राणी कहलायेंगे। इसके लिये एक दूसरे को समय दीजिये।
एसडीएम बोले, टिप्स ये हों कि कैसे रहें दूर
एसडीएम जायसवाल भी कार्यक्रम में मौजूद थे। जब प्रिया जी ने एक उदाहरण देकर बताया कि एक माँ का बेटा विदेश में था इधर माँ की मौत कमरे में हो गईं। लम्बे समय बाद पता चला।अफसोस पड़ोसियों ने यह जानने की कोशिश तक नहीं कि उनका हाल पता करते। मसलन एकाकीपन को लेकर जब प्रिया ने कहा तो एसडीएम ने कहा कि यह बड़े नगरों की बात है। छोटे शहरों में लोग आज भी जुड़कर चलते हैं। जहां तक तनाव की बात है तो धर्म, अध्यात्म या जैसे भी हो हमको यह बताना होगा कि तनाव से कैसे बचें।
स्वागत, संचालन और आभार
कार्यक्रम में स्वागत उदबोधन रेडक्रॉस की तरफ से वरिष्ठ पत्रकार आलोक एम इन्दोरिया ने दिया। प्रभावपूर्ण मधुर वाणी से संचालन समीर गांधी ने किया जबकि आभार लवलेश जैन ने प्रकट किया।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें