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धमाका: 'तनाव से दूर रहकर, खुशियों के पल तलाशिये, तभी हम सार्थक सामाजिक प्राणी', रेडक्रॉस के सेमिनार में बोलीं एक्सपर्ट 'प्रिया सोनपर'

रविवार, 8 मई 2022

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी के बैनरतले नगर के ख्यातिनाम होटल नक्षत्र गार्डन में शनिवार की रात 'हैप्पीनेस एंड स्ट्रेस मैनेजमेंट' विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। भोपाल से आईं एक्सपर्ट प्रिया सोनपर ने इस विषय पर बेहद रोचक, सार्थक और प्रभावशाली तरीके से प्रकाश डाला। नक्षत्र के खचाखच भरे हॉल में नगर के सभी सभ्रांतजन मौजूद थे। कलेक्टर अक्षय सिंह, एसपी राजेश सिंह चन्देल, आईबी के डायरेक्टर, मेडिकल कॉलेज के डीन अक्षय निगम, एसडीएम गणेश जायसवाल सहित प्रत्येक वर्ग के प्रतिनिधियों को रेडक्रॉस ने आमंत्रित किया था। विषय वस्तु को कोरोना की फिर से हो रही बातों के बीच उससे न डरने, तनावमुक्त रहने और खुशियों के साथ जीने के मंत्र से भी जोड़ा गया था। जहाँ तक विषय का सवाल है तो जाहिर सी बात है कि दुनिया भले ही तरक्की कर रही है, लोग आगे बढ़ रहे हैं लेकिन दिलो दिमाग में तनाव लेकर जीना, उसे दूसरों को भी देना जैसे हमारी आदत होती जा रही है। मोबाइल की दुनिया में सिमटकर हम अपनों से दूर होते जा रहे हैं। नतीजा एक घर में सदस्य अलग अलग कमरों में हैं तो किचन भी अब एक नहीं। दिलों की गुंजाइश की बात करें तो हर दूसरी बात पर मनमुटाव या झगड़ा और कहीं नोबत तलाक तक जा पहुंचती है। आप समझ ही गए होंगे कि प्रिया सोनकर का विषय कितना कठिन था। यानि सच को समझाकर लोगों से सहमति लेना फिर उन्हें सार्थक टिप्स देकर नई राह दिखाना। किसी भी लिहाज से आसान नहीं लेकिन इन्हीं कुछ संवेदनशील विषयों पर किसी पारंगत गुरु की तरह प्रिया ने एकाधिकार कायम रखते हुए उपस्थित जनों को लगातार जोड़े रखा। किसी ने जिज्ञासा वश सवाल किये तो खुद प्रिया जी ने भी लोगों के दिलों पर हस्ताक्षर करते हुए उन्हें टटोला। तनाव से दूर निकलकर खुशी तलाशने के इस गम्भीर विषय को उन्होंने इतने प्रभावित करने वाले तरीके से समझाया कि हॉल में ठहाके लगाते भी लोग नजर आए। उनका यही कहना था कि घर, बाहर, पड़ोस, दुनिया से जहाँ भी खुशी मिले हमें हासिल करना चाहिए लेकिन हर हाल में तनाव से दूर रहना चाहिये।
सामाजिक प्राणी हैं हम तो साबित कीजिये
प्रिया ने कहा कि हम सभी सोशल एनिमल हैं यानि सामाजिक प्राणी लेकिन असल में आज समाज की सूरत बदल गई है। हम पड़ोसी तो छोड़िये अपनों के बीच रहकर भी एकांत प्रिय हो गए हैं। इसलिए हमें इस दायरे से बाहर निकलना होगा। हर वो गतिविधि करनी होगी जिससे तनाव जाता रहे और खुशियों से दामन भर जाए। तभी हम सामाजिक प्राणी कहलायेंगे। इसके लिये एक दूसरे को समय दीजिये।
एसडीएम बोले, टिप्स ये हों कि कैसे रहें दूर
एसडीएम जायसवाल भी कार्यक्रम में मौजूद थे। जब प्रिया जी ने एक उदाहरण देकर बताया कि एक माँ का बेटा विदेश में था इधर माँ की मौत कमरे में हो गईं। लम्बे समय बाद पता चला।अफसोस पड़ोसियों ने यह जानने की कोशिश तक नहीं कि उनका हाल पता करते। मसलन एकाकीपन को लेकर जब प्रिया ने कहा तो एसडीएम ने कहा कि यह बड़े नगरों की बात है। छोटे शहरों में लोग आज भी जुड़कर चलते हैं। जहां तक तनाव की बात है तो धर्म, अध्यात्म या जैसे भी हो हमको यह बताना होगा कि तनाव से कैसे बचें। 
स्वागत, संचालन और आभार
कार्यक्रम में स्वागत उदबोधन रेडक्रॉस की तरफ से वरिष्ठ पत्रकार आलोक एम इन्दोरिया ने दिया। प्रभावपूर्ण मधुर वाणी से संचालन समीर गांधी ने किया जबकि आभार लवलेश जैन ने प्रकट किया। 

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