शिवपुरी। सुंदरकांड के माध्यम से देश भर में धर्म जागरण और आध्यात्मिक अलख जगाने के उद्देश्य से जानकी सेना संगठन द्वारा तीर्थ क्षेत्र सुंदरकांड यात्रा प्रारंभ कर दी गई है इसी क्रम में बीते 20 मई को तीर्थ क्षेत्र सुंदरकांड की भव्य सुंदरकांड यात्रा शिवपुरी के बीआर भवन से रवाना हुई जो 21 मई को सुबह श्री राम तपस्थल ब्रम्हपुरी सनकादिक पीठ आश्रम ऋषिकेश पहुंची जहां पर संगठन सदस्यों ने भव्य स्तर पर महा सुंदरकांड किया। जहां पर गंगा मैया का महत्व अत्यंत धार्मिक प्राचीन और महत्वपूर्ण है यहां पर गंगा मैया अपने शांत वेग में बहती हैं इसके बारे में जानकारी देते हुए आश्रम के महंत श्री दयाराम दास जी महाराज ने बताया कि यहां पर प्रभु ने बनवास के कुछ दिन काटे थे उस समय जब वह तपस्या में लीन रहते थे तो गंगा मैया के तौर पर उन्हें परेशानी होती थी जब उन्होंने गंगा मैया से इस बात का निवेदन किया तो उन्होंने सिर्फ 500 मीटर के एरिया को एकदम शांत कर दिया यह चमत्कार स्वयं सिद्ध होकर देखने योग्य भी है। सुंदरकांड यात्रा पर पहुंचे 57 सदस्य दल द्वारा ऋषिकेश हरिद्वार के कई स्थानों का भ्रमण किया गया जहां पर जय जानकी माई के जय कारे की लगाए गए। 23 मई को सुबह संगठन के लोग गाजियाबाद पहुंचे जहां पर जानकी सेना संगठनकी राष्ट्रीय प्रभारी नवीन त्यागी महाराज के यहां सुंदरकांड का पाठ किया गया। कार्यक्रम के दौरान जानकी सेना संगठन के संरक्षक एवं राष्ट्रीय विस्तारक महामंडलेश्वर पुरुषोत्तम दास जीमहाराज,दूधेश्वर धाम मंदिर के महंत रमेश गिरी जी महाराज एवं वृंदावन से पधारे संगठन के वरिष्ठ वेद बिहारी जी महाराज एवं महाराणा प्रताप सेना के वीर शिरोमणि श्री प्रीतपाल सिंह खौसला ने उपस्थित जनसमुदाय को जानकी सेना के संबंध में जानकारी देते हुए संबोधित भी किया गया। और इस तरह 20 मई को जानकी सेना संगठन की निकली यात्रा 24 मई की सुबह वापस अपने गंतव्य स्थान शिवपुरी पहुंची जहां पर संगठन के अन्य सदस्यों ने सभी संगठन सदस्यों का माला पहनाकर स्वागत सत्कार किया।
सुंदरकांड के बाद नीलकंठ महाराज के दर्शन करने पहुंचे जानकी सेनिक।ऋषिकेश में स्वामी जी से आशीर्वाद लेकर फोटो खिंचवाते जानकी सैनिक।

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