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बच्चों की सुरक्षा को लेकर रेलवे स्टेशन पर हुई बैठक

गुरुवार, 26 मई 2022

/ by Vipin Shukla Mama
वर्तमान परिस्थितियों में बच्चों के संरक्षण के लिए समन्वित प्रयासों की जरूरत
- बच्चों के प्रति हमें संवेदनशील और सजग होकर काम करना होगा
शिवपुरी। बच्चों के साथ उपेक्षित व्यवहार, दुर्व्यवहार और शोषण की घटनाएं दिनों दिन बढ़ती जा रहीं है। कुछ दूषित मानसिकता के लोग छोटी- छोटी मासूम लड़कियों को बहला फुसलाकर ले जाते है, फिर उन्हें बाल विवाह, बालश्रम एवं देह व्यापार जैसे दलदल में धकेल देते है। इस प्रकार की घटनाओं में आम तौर पर परिवहन के लिए रेलवे का उपयोग किया जाता है। निगरानी दल के लोगों को सजग और संवेदनशील होकर काम करना होगा। यह बात बाल कल्याण समिति अध्यक्ष डॉ सुषमा पांडेय ने रेलवे स्टेशन पर आयोजित परिचर्चा के दौरान कही।
गुरुवार को रेलवे स्टेशन परिसर में बच्चों की सुरक्षा विषय पर नोडल चाइल्ड लाइन रचना संस्था द्वारा उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें रेलवे स्टाफ,जीआरपी, आरपीएफ स्टाफ के अलावा स्टेशन पर सेवाएं देने वाले लोग मौजूद रहे। इस आयोजन में बच्चों के प्रति बढ़ते अपराधों की रोकथाम हेतु सजगता एवं संवेदनशीलता के साथ काम करने पर जोर दिया गया। बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने कहा कि जिस परिवार से कोई बच्चा गुम हो जाता है,उस परिवार पर क्या गुजरती है, हम इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड व्यूरो (एनसीआरबी) के 2020 के आंकड़े बताते है कि देश में हर घंटे सात बच्‍चे और हर दिन 162 बच्‍चे गुम हो जाते हैं। महीने की बात करें तो 4939 बच्‍चे हर माह गुम हो जाते हैं।  हमें इस मुद्दे पर बेहद संवेदनशील और सजग होने की आवश्यकता है। बीते दिन 25 मई को अंतरराष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस था। जिसका उद्देश्य यही है कि हमें इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए समाज में जागरूकता फैलाने और सजगता से काम करने का संकल्प लेना है। स्टेशन मास्टर आरएस मीणा ने कहा कि स्टेशन पर प्रतिदिन हजारों यात्री आते- जाते है। हमें पूरी सजगता से यात्रियों की निगरानी करने की जरूरत है। कोई भी बच्चा मुसीबत में या संदेहास्पद स्थिति में दिखे तो उससे पूछताछ जरूर करें। उन्होंने कहा कि हालांकि जीआरपी और आरपीएफ द्वारा निगरानी की जाती है। उसे और सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।
जीआरपी एएसआई लाखन सिंह रघुवंशी ने जीआरपी और आरपीएफ की निगरानी तंत्र की पूरी जानकारी दी तथा अन्य साथियों को प्रेरित करते हुए कहा कि यात्रा के दौरान संदिग्ध स्थिति में कोई बच्चा दिखे तो हमें तुरंत उस बच्चे से बात करना है। उसे भरोसा दिलाना है कि वो अपने घर से भले ही दूर है पर एक सुरक्षित परिवेश में है। सिटी समन्वयक सौरभ भार्गव एवं सेंटर समन्वय अरुण कुमार सेन ने बताया कि चाइल्ड लाइन किस तरह से मुश्किल हालातों में फंसे बच्चों की मदद करती है। इस दौरान समाज सेवी एवं कॉन्ट्रेक्टर नरेन्द्र राठोर, ममता संस्था से जिला समन्वयक कल्पना रायजादा, रेलवे डीसी राजेश लडवाल, जीआर धाकड़ टीआई एलएस माधव, अशोक कुमार, धनीराम वर्मा, अभिषेक सिंह चौहान कॉन्स्टेबल, डीसीपीयू से राजेश खत्री, चाइल्डलाइन स्टाफ काउंसलर श्रष्टि ओझा, टीम मेम्बर संगीता चह्वाण, अवसार बानो, हिम्मत सिंह, विनोद परिहार, सुल्तान सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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