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ग्रीन एनर्जी एवं ऊर्जा संरक्षण की दिशा में रेलवे ने उठाए कदम

गुरुवार, 19 मई 2022

/ by Vipin Shukla Mama
पश्चिम मध्य रेल, भोपाल मण्डल
भोपाल। भोपाल मण्डल द्वारा ग्रीन एनर्जी एवं ऊर्जा संरक्षण की दिशा में अनुकरणीय कार्य किए गए हैं। मण्डल रेल प्रबन्धक श्री सौरभ बंदोपाध्याय के कुशल मार्गदर्शन में विद्युत विभाग द्वारा ग्रीन एनर्जी एवं ऊर्जा संरक्षण की दिशा मे अनुकरणीय कार्य किये जा रहे हैं। जिससे ऊर्जा उत्पादन के साथ साथ रेल राजस्व की भी बचत हो रही है। भोपाल मण्डल में एक मेगा वाट (1MW)  के सौर ऊर्जा प्लांट लगा हुआ है, जिससे वित्तीय वर्ष 2021-22 में रिन्यूएबल एनर्जी के तहत कुल 13.18 लाख यूनिट्स का उत्पादन हुआ। इस प्रकार वर्ष 2021-22 मे लगभग रु.36.00 लाख  की बचत हुई व लगभग 1100 टन का कार्बन उत्सर्जन बचा है। इसमें से भोपाल स्टेशन पर कवर ओवर शेड पर 240 kw कपैसिटी का सोलर प्लांट लगा हुआ है, जिससे लगभग हर महीने  29000 यूनिट्स बिजली का उत्पादन होता है। इससे रेलवे परिक्षेत्र मे प्रकाश व अन्य विद्युत उपकरणों को चलाया जाता है। इससे रेलवे को राजस्व बचत के साथ साथ ही पर्यावरण को भी सुरक्षित रखने मे सहयोग मिल रहा है।
  भोपाल एक्स्प्रेस, जनशताब्दी और हमसफ़र एक्सप्रेस के डिब्बों मे लगे एसी, लाइट और पंखे अब एचओजी (HOG) कम्प्लाइन्ट लोको एवं पावर कार होने से ओएचई (OHE) से बिजली लेकर कार्य कर रहे हैं। जिससे प्रतिवर्ष रुपये 6.00 करोड़  की बचत होगी। अब LSLRD पावर कार भी सिस्टम में आ गई है। इन पावर कार मे डीजी  (DG)  सेट्स नहीं है। ये पावर कार HOG के अनुरूप भी है। मण्डल में इन पावर कार के आने से पावर कार की आवश्यकता कम हो गई है। ये ध्वनि से मुक्त एवं  पर्यावरण के अनुरूप है। डीजल की बचत से वातावरण संरक्षण मे मदद मिल रही है।
भोपाल मण्डल मे राजस्व की बचत एवं ऊर्जा संरक्षण की दृष्टि से कार्य करते हुए 12 स्टेशन मे 30-70% सर्किट के ऑटमैशन का कार्य किया गया, जिससे प्लेटफॉर्म पर कोई गाड़ी नहीं होने की स्थिति मे 30% लाइट चालू रहेंगी तथा गाड़ी आने के समय होम सिग्नल पार करने पर बची हुई 70% लाइट चालू हो जाएंगी तथा जाते समय स्टार्टर सिग्नल पार करने पर वही 70% लाइट बंद हो जाएंगी। इस प्रकार इस कार्य से लगभग अनुमानित रुपये 13.00 लाख सालाना की बचत होगी।
पिट लाइन मे एलएचबी कोच को मैन्टेन करने के लिए 750 V की पावर सप्लाइ का प्रावधान किया गया है। इस हेतु भोपाल मण्डल मे 33/.750KV का सबस्टेशन रानी कमलापति स्टेशन में बनाया गया है। पूर्व मे पिट लाइन में LHB कोच को मैन्टेन करने के लिए पावर कार मे डीजल जनरेटर को चलाकर पावर सप्लाइ ली जाती थी। इससे ना सिर्फ महंगे डीजल की बचत होगी बल्कि वातावरण के लिए भी यह फायदेमंद रहेगा। इस प्रकार डीजल की बचत होने से लगभग रुपये 60.00 लाख प्रतिवर्ष की बचत होगी। गुना, विदिशा, सांची स्टेशन मे (BLDC) बीएलडीसी फैन प्लेटफॉर्म  एवं स्टेशन बिल्डिंग मे लगाए गए। इन पंखों के इस्तेमाल से बिजली की खपत घटेगी एवं लगभग साल मे रुपये 1.90 लाख की बचत होगी। विदिशा स्टेशन प्लेट फॉर्म-1 पर  सोलर वाटर कूलर इंस्टॉल किया गया है। यह वाटर कूलर बिजली का उपयोग नहीं करते हैं। इनका पारंपरिक वाटर कूलर की तुलना में शून्य बिल और शून्य रखरखाव है। जब मौसम 35 डिग्री सेल्सियस होता है, तो पानी का तापमान स्वाभाविक रूप से 23 डिग्री तक पहुंच जाता है। चूंकि यह सौर ऊर्जा पर काम करता है,अतः यह शत प्रतिशत सुरक्षित और लागत प्रभावी (किफायती) है। इसकी क्षमता 150 लीटर है। यह वाटर कूलर कन्वेन्शनल कूलर के मुकाबले पानी ठंडा करने के लिए कोई बिजली कंज्यूम नहीं करता है एवं एनर्जी की बचत करता है।
पर्यावरण के लिए नवकरणीय ऊर्जा स्त्रोत समय की मांग हैं। इसलिए यह विद्युत विभाग द्वारा ऊर्जा संरक्षण एवं हरित ऊर्जा की दिशा में एक और कदम है।

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