शिवपुरी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जरा प्रदेश के पेंशनर्स की आह से बचिए। क्योंकि सोची समझी रणनीति के तहत छ.ग. की सहमति के कुचक्र में फंसा म.प्र. के पेंशनरों को दिया गया है। यह बात जिले के पेंशनरों ने अशोक सक्सेना अध्यक्ष पेंशनर्स एसोसिएशन शिवपुरी के साथ कही। उन्होंने कहा की प्रदेश के 460000 से अधिक पेंशनर्स मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राज्यपुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 तथा 6वीं अनुसूची में दिए गए उपबन्धों का एक सोची-समझी रणनीति के तहत पिछले 21 सालों से की जा रही गलत व्याख्या का बेजा इस्तेमाल करने से छलावा के शिकार हैं। राज्य पुनर्गठन अधिनियमकी धारा 49 मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारों को अपने - अपने पेंशनरों को पेंशन देने के लिए 6वीं अनुसूची में दिए गए प्रावधानों के अनुसार शक्तियां प्रदान करती है। धारा 49 और 6वीं अनुसूची की पांचों कंडिकाओं तथा पांचवीं कंडिका की दोनों उपकंडिकाओं में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि केन्द्र सरकार द्वारा घोषित मंहगाई राहत (डी आर) मध्यप्रदेश सरकार अपने पेंशनरों को देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की स्वीकृति प्राप्त करने के लिए बाध्य है। धारा 49 और 6वीं अनुसूची में दिये गए प्रावधान केवल इतना कहते हैं कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकार पेंशन भुगतान का भार अपने अपने राज्य की जनसंख्या के अनुपात में उठाएंगी। दोनों राज्य सरकारों ने इस अनुसार पेंशन शेयर को भी तय कर लिया है। जिसके अनुसार मध्यप्रदेश सरकार 76 फीसदी और छत्तीसगढ़ सरकार 24 फीसदी के अनुपात में भार बहन करेंगी दोनों सरकारें वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर अर्थात 31 मार्च को अपने - अपने शेयर का समायोजन करेंगी ।
मगर मध्यप्रदेश सरकार राज्य के पेंशनरों को मंहगाई राहत देने के लिए पिछले 21 साल से राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 और 6वीं अनुसूची में दिए गए प्रावधानों की गलत व्याख्या कर दुरुपयोग कर रही है। वर्तमान में जहां केन्द्र सरकार अपने पेंशनर्स को 34 फीसदी मंहगाई राहत दे रही है वहीं मध्यप्रदेश सरकार 17 फीसदी मंहगाई राहत दे रही है। इतना ही नहीं मध्यप्रदेश सरकार ने इस धारा का अपने हित में उपयोग करते हुए छठवें वेतनमान के 32 महीने तथा सातवें वेतनमान के 27 महीने का एरियर्स का भुगतान अभी तक नहीं किया है। मध्यप्रदेश सरकार के उपेक्षित रवैये से नाराज पेंशनर एक लंबे समय से अपनी इन मांगो को लेकर पेंशनर्स एसोसिएशन के बैनर तले निरंतर आंदोलन कर अपने जायज हकों की मांग कर रहे हैं। वर्तमान में उनके दिल में भारतीय जनता पार्टी के प्रति आक्रोश एवं गुस्सा चरम सीमा पर है किन्तु सत्ता के नशे में चूर भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे को तनिक भी गंभीरता से नहीं ले रही है। भारतीय जनता पार्टी वर्ष 2018 में भी इसी प्रकार के मुद्दों को लेकर अपनी सरकार गमा चुकी है ऐसा लगता है की उसने इस हार से कोई सबक नहीं लिया है
धन बल के प्रयोग से लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सरकार को अपने कार्यकाल को समाप्त करने से पूर्व गिरा कर सत्तासीन हुई भाजपा यह नहीं सोच पा रही है कि पेंशनर विरोधी इस प्रकार के रवैया से कहीं एक बार फिर वर्ष 2022 में उसे फिर सत्ता से हाथ धोना पड़ सकता है।
राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 के तहत जहाँ 1 नवम्बर 2000 को मध्यप्रदेश को विखंडित कर छत्तीसगढ़ राज्य बनाया गया वहीं 9 नवम्बर 2000 को उत्तरप्रदेश को विखंडित कर उत्तराखंड तथा 15 नवम्बर 2000 को बिहार का विखंडन कर झारखंड राज्य अस्तित्व में आया।
राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 और 6वी अनुसूची के प्रावधान मध्यप्रदेश - छत्तीसगढ़ की तरह ही उत्तरप्रदेश - उत्तराखंड तथा बिहार - झारखंड राज्यों में भी लागू होते थे परन्तु मध्यप्रदेश - छत्तीसगढ़ के बाद अस्तित्व में आये राज्य उत्तरप्रदेश - उत्तराखंड और बिहार - झारखंड ने राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 और 6वीं अनुसूची को विलोपित कर दिया है तथा अपने - अपने राज्य के पेंशनरों की देनदारियों का निपटारा स्वतंत्र रूप से कर रहे हैं । जबकि 21 साल बाद भी मध्यप्रदेश - एवं छत्तीसगढ़ राज्य की सरकारे अपने-अपने पेंशनर्स की छाती पर मूंग दल कर उनका आर्थिक शारीरिक और मानसिक शोषण कर रही है।
मध्य प्रदेश राज्य पेंशनर्स एसोसिएशन की जिला शाखा शिवपुरी की ओर से अध्यक्ष अशोक सक्सेना सहित जिनेंद्र श्रीमाल, हरिश्चंद्र भार्गव एमएम शर्मा इ बी एम शर्मा के एन गौड़ एस एम पवार डॉ एल डी गुप्ता शंभू सिंह जाट श्रीमती कृष्णा चतुर्वेदी अनिल व्याघ्र हरिदास माहौर रमेश शिवहरे आर डी एटरिया गौरीशंकर शर्मा ड्रा आे पी एस रघुवंशी ड्रा एस के पुराणिक ड्रा वी के शर्मा ई प्रकाश रघुवंशी भोला राम रघुवंशी ई एम पी शर्मा सुरेन्द्र गौड़ गिरीश मिश्रा पुरुषोत्तम कांत शर्मा ए एस दुबे आर के गुप्ता ई अशोक श्रीवास्तव के के देश मुख ओ पी पांडे अशोक सिंह भदोरिया तहसील एब ब्लॉक अध्यक्ष गण इं एस पी श्रीवास्तव सुरेंद्र सिंह कुशवाह भागीरथ सिंह रघुवंशी वीरेंद्र सिंह रघुवंशी प्रभाकर पाठक आर जी स्वर्णकर राम भरोसी गुप्ता बी के त्रिवेदी लखान लाल कुशवाह पुरुषोत्तम व्यासआदि ने मुख्यमंत्री माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान से विनम्रता पूर्वक इस धारा का अपनी ही पार्टी के योग्यतम मंत्री विधायक गण शासकीय सेवा के आला अधिकारियों से गंभीरता पूर्वक परीक्षण कराकर इसके दुरुपयोग को बंद करने का निर्णय लेकर पेंशनर्स को शीघ्र अति शीघ्र 14 प्रतिशत महंगाई राहत देने के आदेश प्रसारित करने का अनुरोध किया है , ताकि उन्हें प्रदेश के 460000 से अधिक पेंशनर्स एवं उनके परिवारो की आह स्थान पर आशीर्वाद प्राप्त हो सके।

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