मुंबई। मुंबई में पिछले साल जनवरी से जून के बीच कोरोना से 10 हजार 289 मौतें हुई थीं, जबकि इसी दौरान हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या 17 हजार 880 रही। एक आरटीआई से मिली जानकारी में यह बात सामने आई है। इस तरह हम कह सकते हैं कि भारत में हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 10 साल में करीब सवा दो लाख भारतीयों की मौत हार्ट अटैक से हो चुकी है। 'साइलेंट किलर' यानि हार्ट अटैक से 10 में से 4 मौतें 45 साल से कम उम्र वालों की हुई हैं।आखिर क्यों चिंता बनता जा रहा है हार्ट अटैक
कैसे आपकी आदतें दिल को कमजोर बना रही है और क्यों आखिर चिंता बनता जा रहा है हार्ट अटैक। ये दो आंकड़े बताते हैं कि क्यों अब दिल के बारे में बात करना जरूरी हो गया है। दिल हमारे शरीर का सबसे अहम अंग है। इसके बावजूद इसकी सेहत को लेकर हम अक्सर उतनेफिक्रमंद नहीं होते। कुछ जानबूझकर तो कुछ अनजाने में, दिल की सेहत को नजरअंदाज करते रहते हैं। खराब जीवनशैली और बढ़ते तनाव ने इस दिल को और कमजोर कर दिया है। शायद यही वजह है कि जो हार्ट अटैक कभी बुजुर्गों की मौत का कारण बनता था, वो अब युवाओं की जान भी ले रहा है। दिल की सेहत पर बात करना क्यों जरूरी है? इसे ऐसे भी समझ लीजिए कि मुंबई में पिछले साल 6 महीनों में कोरोना से उतनी मौत नहीं हुईं, जितनी हार्ट अटैक से हो गईं। इसलिए तनाव को दूर रखिए नियमित व्यायाम, पैदल घूमना, सही समय और बेहतर भोजन कीजिए जिससे दिल स्वस्थ्य रह सके।

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