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धमाका धर्म: शास्त्री श्री विवेकानंद महाराज ने कहा, भाव का भूखा हूं मैं, भाव ही एक सार है, भाव से मुझको भजो तो भव से बेड़ा पार है

मंगलवार, 7 जून 2022

/ by Vipin Shukla Mama
करैरा। पटपरा ग्राम में समस्त ग्राम वासियों द्वारा श्रीमद् भागवत आयोजन के छठवें दिन की कथामें शास्त्री श्री विवेकानंद भूमिया महाराज सिरसोद वालों ने बताया कि जब जब पृथ्वी पर अत्याचार होता है गो ब्राह्मण संत इन पर अत्याचार होने लगता है तभी पारब्रह्म परमात्मा का अवतार होता है और भगवान के अवतार का एक और रहस्य बताते हुए  एक कवित्त को गाया और कहा
की भाव का भूखा हूं
 मैं भाव ही एक सार है
भाव से मुझको भजो
तो भव से बेड़ा पार है
नहीं चाहिए धन और दौलत 
वस्त्र और आभूषण 
 आप मेरे हो जाओ
यही मेरा सत्कार है
भाव बिना कोई वस्तु मुझे भाती नहीं 
भाव से एक फूल भी दे दो 
तो  भी मुझे स्वीकार है 
भाव बिना पुकार में कभी सुनता नहीं
भाव भरी पुकार ही करती मुझे लाचार है 
बांधते हैं भक्त प्रेम डोरी से मुझे
इसलिए धरा धाम पर 
होता मेरा अवतार है 
कंस मर्दन की कथा सुनाते हुए श्री भुमिया महाराज शास्त्री जी ने बताया की भगवान कंस का मर्दन करने के लिए आए और एक अध्यात्म बात कही भागवत एवं कृष्ण लीला में कंस तो हमेशा मरते रहते हैं किंतु शरीर के अंदर जो दुष्ट रूपी कंस बैठा है जब तक वह नहीं मरेगा तब तक भागवत में कंस मरने से कुछ नहीं होगा तो पहले अपने अंदर के कंस को मारो इस बात को सुनकर कथा भागवत में जुड़े हजारों श्रद्धालु भाव विभोर हो गए और करतल ध्वनि से एवं पगड़ी साफा से समस्त गुर्जर समाज ने एवं समस्त ग्राम वासि पट पारा दे शास्त्री जी का भव्य स्वागत किया जिसके मुख्य यजमान श्री अच्छेलाल राजपूत पट पारा  जिस कथा में विशेष श्रोता रहे श्रीमान ठाकुर हाकिम सिंह जी गुर्जर , श्री ठाकुर रणवीर सिंह जी गुर्जर श्री हरबिलास कांड कारपेंटर  एवं समस्त गुर्जर समाज पटवारा समस्त ग्राम वासियों ने बताया की दिनांक 09 /06/2022 को विशाल भंडारे का आयोजन रखा गया है जिसमें समस्त भक्त पधार कर प्रसाद ग्रहण करें।

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