रन्नौद। अगर मनुष्य भगवान को प्राप्त करना चाहता है तो उसके भीतर प्रेम और भक्ति शबरी जैसी हो तो परमात्मा राजमहलो को छोड़कर भी उसके द्वार पर आ जाते हैं और उसके साथ बैठकर के भोजन करते हैं शबरी ने सम्पूर्ण जीवन भर त्याग किया तभी तो भगवान श्रीराम ने उनके झूठे बेर खाकर उनका मान बढ़ाया क्योंकि भगवान को निर्मल मन बाला ही पा सकता हैं यह प्रवचन माधादेव स्थान पर चल रही श्रीराम कथा के दौरान छठवें दिन पंडित श्री ब्रजभूषण महाराज ने दिए और उन्होंने बताया कि सद्भावना और प्रेम के द्वारा ही परमात्मा को प्राप्त किया जा सकता है आचार्य जी ने कथा के प्रसंग में शूर्पणखा के नाक कान जिस प्रकार काटे उस कथा का विस्तार से वर्णन किया एवं रावण जिस प्रकार सीता मां को हर करके ले गया वह समस्त कथा विस्तार पूर्वक वर्णन की एवं जटायु का उद्धार जिस प्रकार भगवान ने किया और जटायु को मोक्ष प्रदान भगवान ने करवाया उसकी संपूर्ण कथा का वर्णन बड़े सुंदर तरीके से किया कथा के अंत में आचार्य जी ने सुंदर श्री राम भगवान जिस प्रकार हनुमान जी महाराज से किष्किंधा नगरी में मिलन हुआ एवं आपस में जो वार्तालाप हुई उसका प्रेम पूर्वक वर्णन किया इस कथा का आयोजन यज्ञकर्ता महंत श्री राम दास जी महाराज करवा रहे हैं इसमें नव कुंडी यज्ञ हो रहा है आयोजन 1 जून से 9 जून तक आयोजित किया जा रहा है।

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