शिवपुरी। आज पूरे विश्व में बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने बाल श्रम को खत्म करने साथ ही आवश्यक कार्रवाई और प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए 2002 में बाल दिवस के खिलाफ विश्व दिवस का शुभारंभ किया। शाक्तिशाली महिला संगठन के संयोजक रवि गोयल ने बताया की हर साल 12 जून को विश्व दिवस बाल श्रमिकों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए सरकारों, नियोक्ताओं और श्रमिक संगठनों, नागरिक समाज के साथ-साथ दुनिया भर के लाखों लोगों को जागरूक करता है और उनकी मदद के लिए कई कैंपेन भी चलाए जाते हैं। इसी तारतम्य में शक्ति शाली महिला संगठन एवम ब्रिटानिया न्यूट्रीशन फाउंडेशन ने संयुक्त रूप से मिलकर अंतराष्ट्रीय पोषण सलाहकार कल्पना गाजरे के मुख्य आतिथ्य में संवाद कार्यक्रम का आयोजन बाण गंगा मंदिर परिसर पर किया जिसमे की मुख्य वक्ता कल्पना गाजरे ने कहा की 2015 में विश्व नेताओं द्वारा अपनाए गए कई सतत विकास लक्ष्यों में बाल श्रम को समाप्त करने के लिए नए सिरे से वैश्विक प्रतिबद्धता शामिल की गई थी। इसमें विशेष रूप से, वैश्विक समुदाय से सतत विकास लक्ष्यों का 8.7 लक्ष्य पूरा करने की ठानी जैसे, 'मजबूर श्रम को खत्म करने के लिए तत्काल और प्रभावी उपाय करना, आधुनिक दासता और मानव तस्करी को समाप्त करना और सहित बाल श्रम के सबसे बुरे रूपों के निषेध और उन्मूलन को सुरक्षित करना।' साथ ही बाल सैनिकों का उपयोग और 2025 तक बाल श्रम को जड़ से समाप्त करना। " शामिल है इस विश्व दिवस पर, 2025 तक बाल श्रम को जड़ से समाप्त करना ताकि विश्व समुदाय बाल श्रम को खत्म करने की दिशा में एनजीओ के साथ साथ सरकार को भी धरातल पर मजबूती से काम करना होगा तव जाकर बच्चो के हाथो में ओजार की जगह किताबे होंगी। शक्ति शाली महिला संगठन की पूरी टीम ने संवाद में अपनी जिज्ञाशाओ को शान्त किया एवम मैदानी अमले को इस दिशा में जागरूक करने का संकल्प लिया । रवि गोयल ने कहा की आज सुबह जब में सोकर उठा तो देखा घर के बाहर ही एक बच्चा कवाड़ा इक्कठा कर रहा था जब बच्चे से पूछा क्या आप स्कूल जाते है तो उसने मना कर दिया ऐसे बच्चो को स्कूल भेजने की जरूरत है उनकी मदद करने की जरूरत है तब जाकर इन इस दिवस को सार्थकता पूरी होगी प्रशासन को इस दिशा में कारवाही करने की जरूरत है वो होटल ढाबों पे काम करने वाले बच्चो को यहां से निकाल कर उनके शिक्षा की और जोड़ने की जरूरत है।

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