रन्नौद। कलियुग में भाई भाई का मुंह भी देखना पसंद नही करता यह समाज का दुर्भाग्य हैं आज के समय भाई भाई को दुश्मन देखता हैं अगर प्रेम हो तो भरत प्रभु श्रीराम जैसा हो जिससे समस्त भारत गोरवान्वित होता हैं यह प्रवचन कथा के पंचम दिवस पर माधादेव स्थान पर चल रही श्री राम कथा के पंचम दिवस पर श्री बृजभूषण महाराज ने दिए और उन्होंने बताया कि त्याग करने से मनुष्य महान बनता है कथा के प्रसंग में महाराज ने सुंदर केवट प्रसंग भी कहा और कहा कि केवट भगवान का परम भक्त था इसलिए भगवान ने चरण धोने की आज्ञा दी केवट ने अपने पितरों को पार उतारा एवं स्वयं का भी उद्धार किया महाराज ने कथा प्रसंग में दसरथ जी ने जिस प्रकार राम का नाम लेकर के प्राणों का त्याग किया वह समस्त कथा विस्तार पूर्वक सुनाई भरत जी राम प्रभु से जाकर जिस प्रकार भेट की वह संपूर्ण कथा प्रेम पूर्वक श्रवण करवाई इस कथा का आयोजन समस्त क्षेत्र वासियों की और से हो रहा है यज्ञ कर्ता श्री रामदास जी महाराज के पावन सानिध्य में यह आयोजन हो रहा हैं कथा का समय 2बजे से 5बजे तक रखा गया हैं।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें