ये हैं नियम
शस्त्र को लेकर ये हैं नियम, 3 जून तक जमा कराए
जिले में त्रि-स्तरीय पंचायतों एवं नगरीय निकायों के आम निर्वाचन वर्ष 2022 हेतु कानून व्यवस्था बनाये रखने की दृष्टि से अक्षय कुमार सिंह, जिला दण्डाधिकारी शिवपुरी ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत आदेश दिया हैं कि आयुध अधिनियम 1959 के तहत जारी जिला शिवपुरी में दर्ज समस्त शस्त्र अनुज्ञप्तियां दिनांक 18.07.2022 तक के लिये निलंबित की जाती है। यह भी आदेशित किया जाता है कि ऐसे समस्त अनुज्ञप्तिधारी अपने-अपने शस्त्र संबंधित थाने में दिनांक 03.06.2022 तक अनिवार्य रूप से जमा करा दें। जिले की सीमा में उक्त अवधि में शस्त्र लेकर चलने व प्रदर्शन पर पूर्णत: पाबंदी लगाई जाती है।
यह प्रतिबंधात्मक आदेश माननीय न्यायाधीश प्रशासनिक अधिकारी, शासकीय अभिभाषक सुरक्षा एवं चुनाव व्यवस्था आदि में कर्तव्य पालन के समय लगाये गये जोनल अधिकारी, सेक्टर मजिस्ट्रेट, सुरक्षा बलों एवं अर्द्ध सैनिक बलों, विशिष्ट व्यक्तियों, अधिकारियों एवं उम्मीदवारों की सुरक्षा हेतु लगाये गये पुलिस कर्मियों एवं अन्य शासकीय बलों तथा किसी धार्मिक कानून एवं परम्परा के अंतर्गत अस्त्र शस्त्र धारित किये जाने वाले व्यक्तियों पर प्रभावशील नहीं होगा। वहीं बैंक, एटीएम की सुरक्षा में लगाये गए गार्डों हेतु उक्त आदेश से Exemption हेतु अपर जिला मजिस्ट्रेट से पृथक से अनुमति लेना आवश्यक होगा। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा तथा उक्तादेश का उल्लंघन करना दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 188 एवं आयुध अधिनियम 1959 के अंतर्गत दण्डनीय होगा। उक्त आदेश निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण होने की दिनांक 18.07.2022 तक प्रभावशील रहेगा।
प्रचार, प्रसार माइक, कोलाहल नियम
त्रि-स्तरीय पंचायतों एवं नगरीय निकायों के आम निर्वाचन वर्ष 2022 को दृष्टिगत रखते हुए निर्वाचन प्रचार-प्रसार कार्य में लाउडस्पीकर के अनियंत्रित उपयोग से होने वाली जन-परेशानी, ध्वनि प्रदूषण व शांति व्यवस्था के हित में मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा 18 के अंतर्गत आदेश दिनांक से दिनांक 18.07.2022 तक की अवधि तक सम्पूर्ण शिवपुरी जिले की राजस्व सीमाओं को कोलाहल नियंत्रण क्षेत्र (सायलेंस जोन घोषित किया जाता है। इस दौरान विहित प्राधिकारी की लिखित अनुजा के बिना ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। उक्त अधिनियम की धारा 2 (घ) के अंतर्गत शिवपुरी जिले में पदस्थ समस्त अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसीलदार एवं अतिरिक्त नायब तहसीलदारों को उनके मुख्यालय क्षेत्रांतर्गत उक्त अधिनियम के तहत विहित प्राधिकारी घोषित किया जाता है।
2. उक्त निर्देशों के अनुपालन में राजनैतिक / सार्वजनिक समारोह आदि के लिये लाउण्ड स्पीकर / ध्वनि विस्तारक यंत्रों/ डीजे बैण्ड बाजा आदि के प्रयोग विहित प्राधिकारी की लिखित अनुज्ञा के बिना पूर्ण प्रतिबंधित रहेगा।
3.4. आम सभा, जुलूस एवं प्रचार कार्य हेतु लाउंड स्पीकर / ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग की अनुमति सुबह 6.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक दी जा सकेगी रात्रि 10.00 बजे से प्रातः 6.00 बजे के बीच किसी भी स्थिति में अनुमति नहीं दी जावेगी। "निर्वाचन प्रयोजनों के लिये आम सभाओं के दौरान स्थित दशा में अथवा किसी भी प्रकार के वाहनों में लगाये गये लाउड स्पीकर या सार्वजनिक अभिभाषण प्रणाली या किसी भी प्रकार के ध्वनिप्रर्वधक का प्रयोग रात्रि में 10.00 बजे से प्रातः 6.00 बजे के मध्य नहीं किया जावेगा"
5. . जीप, टेम्पो, ऑटो रिक्शा, तांगा आदि वाहनों से चुनाव प्रचार-प्रसार की आवेदन करने पर ही दी जा सकेगी। आवेदन पत्र में वाहन के पंजीयन क्रमांक का उपयोग अनिवार्य होगा। बिना अनुमति के लाउड स्पीकर / ध्वनि विस्तारक यंत्र द्वारा प्रसारण एवं प्रचार प्रसार करने पर अनुमति या अनुमति के निर्दिष्ट अवधि के पश्चात् लाउडस्पीकर या संबंधित उपकरण के उपयोग की दशा में संबंधित उपकरण जप्त कर लिये जायेंगे।
वाहनों के लिए ये हैं नियम
अक्षय कुमार सिंह, जिला मजिस्ट्रेट शिवपुरी ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए वाहनों के लिए निम्नानुसार प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया हैं। निर्वाचन संबंधी कार्य के प्रयोजन से प्रयोग किये जाने वाली कारों/ वाहनों को किसी भी परिस्थिति में निर्वाचन क्षेत्र में अधिसूचना जारी होने की दिनांक से निर्वाचन प्रक्रिया समाप्त होने तक तीन से अधिक वाहनों के (सुरक्षा वाहनों को छोड़कर) काफिले में चलाने की अनुमति नहीं होगी। सभी बड़े काफिलों को तोड़ दिया जायेगा तथापि यह किसी ऐसे व्यक्ति विशेष के बारे में जारी किये गये किसी सुरक्षा अनुदेशों के अध्याधीन होगा, अन्य शब्दों में काफिले किसी भी स्थिति में किसी व्यक्ति को तीन वाहन और सुरक्षा वर्गीकरण की दृष्टि से उस व्यक्ति को अनुमत सुरक्षा वाहनों से अधिक नहीं होंगे। चूंकि त्रि-स्तरीय पंचायतों एवं नगरीय निकायों के निर्वाचन की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है एवं संबंधित व्यक्तियों को आदेश पारित किये जाने के पूर्व सुनवाई का अवसर दिया जाना संभव नहीं है। अतः यह आदेश एकपक्षीय पारित किया जा रहा है। यह आदेश शिवपुरी जिले के समस्त निवासियों एवं शिवपुरी जिले में अस्थाई रूप से भ्रमण करने वाले व्यक्तियों पर भी दिनांक 18.07.2022 तक प्रभावशील होगा।
पेट्रोल डीजल का स्टॉक
आम निर्वाचन 2022 में उपयोग होने वाले वाहनों की आवश्यकता एवं कानून व्यवस्था के दृष्टिगत जिले में संचालित होने वाले प्रत्येक पेट्रोल पम्प को आदेशित किया जाता है कि वह अपने पेट्रोल पंप में 1000 लीटर डीजल एवं 500 लीटर पेट्रोल रिजर्व स्टॉक में हमेशा रखना सुनिश्चित करेंगे।
उक्त रिजर्व स्टॉक का निस्तारण अद्योहस्ताक्षरकर्ता /अनुविभागीय दण्डाधिकारी / जिला आपूर्ति अधिकारी के निर्देश पर ही किया जावेगा। उक्त आदेश में किसी प्रकार की शिथिलिता / अवहेलना करने पर निर्वाचन नियमों एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत् वैधानिक / दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी। यह आदेश शिवपुरी जिले के समस्त पेट्रोल पंपों पर दिनांक 18.07.2022 तक प्रभावशील रहेगा।
होटल, लॉज के लिए निर्देश
त्रि-स्तरीय पंचायतो के आम निर्वाचन एवं नगरीय निकायों के आम निर्वाचन वर्ष 2022 के दौरान बाहर से आने वाले व्यक्तियों में असामाजिक तत्व भी जिले में घुसपैठ कर सकते है। जिससे शांति व्यवस्था को खतरा उत्पन्न हो सकता है। अतः जिले में शांति व्यवस्था बनाये रखने के उद्देश्य से अक्षय कुमार सिंह, जिला मजिस्ट्रेट शिवपुरी ने सराय अधिनियम 1967 की धारा 8 के अंतर्गत जिला शिवपुरी के भीतर सभी सराय, धर्मशालाओं, होटल तथा लॉज में मालिकों एवं प्रबंधकों को आदेशित किया हैं कि वे अपने होटल, लॉज, सराय, धर्मशाला में ठहरने वाले व्यक्ति की दैनिक जानकारी संबंधित थाना प्रभारी एवं निकटतम कार्यपालिक दण्डाधिकारी को लिखित रूप में प्रस्तुत करें। ऐसी सूचना संबंधित अधिकारियों के पास अगले दिवस सायं 5 बजे तक पहुंचाना अनिवार्य है। यह आदेश दिनांक 18.07.2022 तक लागू रहेगा।संपत्ति विरूपण, पोस्टर, बैनर को लेकर निर्देश
स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान सम्पन्न कराये जाने हेतु म.प्र. सम्पत्ति विरूपण अधिनियम 1994 के अंतर्गत कार्यवाही किया जाना आवश्यक है।
मध्यप्रदेश संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा 3 में स्पष्ट उल्लेख है कि कोई भी जो सम्पत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी सम्पत्ति को स्याही खडिया, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिखकर या चिन्हित करके उसे विरूपित करेगा वह जुर्माने से, जो एक हजार रुपये तक का हो सकेगा से दंडनीय होगा। इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई भी अपराध संज्ञेय (Cognizable) होगा संपत्ति के अंतर्गत कोई भवन, झोपड़ी, संरचना, दीवार, वृक्ष, वाड, खम्बा (पोस्ट), स्तंभ (खंबा) या कोई अन्य परिनिर्माण शामिल होगा। किसी भी शासकीय परिसर / भवन/ दीवार / पानी की टंकी आदि पर लिखावट, पोस्टर चिपकाना, कट आउट बैनर / होर्डिंग लगाने की अनुमति नही दी जायेगी। अतः त्रि-स्तरीय पंचायतों एवं नगरीय निकायों के आम निर्वाचन वर्ष 2022 स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण सम्पन्न कराये जाने की दृष्टि से अक्षय कुमार सिंह, जिला मजिस्ट्रेट जिला शिवपुरी ने उपरोक्त पैरा (2) में लगाये गये प्रतिबंध के साथ-साथ मध्यप्रदेश सम्पत्ति विरूपण अधिनियम की धारा 5 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग करते हुए आदेश दिया कि
1- निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्याशी निजी भवनों पर भी भवन स्वामी की लिखित सहमति एवं ग्राम पंचायत की अनापत्ति प्राप्त करने के उपरांत झंडे, पोस्टर, बैनर, वाल- राइटिंग व अस्थायी फ्लेक्स बोर्ड, भवन स्वामी की दीवार पर लगा सकते है। इसके लिये आवश्यक होगा कि प्रत्याशी को तीन दिवस के अंदर एनओसी जारी करने हेतु ली गई राशि की रसीद, भवन स्वामी के द्वारा लिये जाने वाले किराये की रसीद, बैनर पोस्टर/फलैक्स बोर्ड / लिखावट पर किये गये व्यय की रसीद व संलग्न प्रोफार्मा रिटर्निंग ऑफिसर को भवनवार प्रस्तुत करना होगा। 2- उक्त झंडे बैनर, पोस्टर, फ्लैक्स बोर्ड पर ऐसा कुछ भी लिखा जाये जिससे कि विभिन्न समुदायों में असंतोष उत्पन्न होकर लोक न्यूर्सेस की संभावना उत्पन्न है। निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान विभिन्न राजनैतिक दल या चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी या विज्ञापन कम्पनियों द्वारा किसी भी शासकीय सम्पत्ति पर विज्ञापन आदि लगाया जाना पूर्णत: प्रतिबंधित किया जाता है। विभिन्न राजनैतिक दल या चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी या विज्ञापन कम्पनियों द्वारा अशासकीय सम्पत्ति को संबंधित भवन स्वामी की अनुमति के बिना विरूपित किया जाता है तो संबंधित विभाग एवं भवन स्वामी के दवारा संपत्ति विरूपण बाबत थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) भारतीय दण्ड प्रक्रिया की धारा 188 एवं सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम की धारा 3 अंतर्गत दर्ज करायी जावे। शासकीय विरूपित सम्पत्ति को पुनः मूल स्वरूप में लाने हेतु जिला अन्तर्गत सभी नगरपालिका क्षेत्र एवं सभी जनपद क्षेत्र अंतर्गत निम्नानुसार पदेय अधिकारियों का दल भी गठित किया जाता है।

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