Responsive Ad Slot

Latest

latest

धमाका धर्म: श्रीकृष्ण रुकमणी विवाह प्रसंग को श्रद्धा से सुनने वालों का वैवाहिक जीवन हमेशा सुखद रहता है: आचार्य लक्ष्मी नारायण

शुक्रवार, 3 जून 2022

/ by Vipin Shukla Mama
कोलारस। तहसील के ग्राम चिलावद के मंदिर प्रांगण में पचौरी परिवार द्वारा संगीतमय श्रीमद् भगवत कथा के छठवें दिन श्रीकृष्ण रुक्मणी विवाह धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।  कथावाचक आचार्य लक्ष्मी नारायण शास्त्री जी ने रास पंच अध्याय का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि महारास में पांच अध्याय है। उनमें गाए जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण है। जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है वह भव पार हो जाता है। उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है। कथा में कृष्ण बलराम की बाल लीलाओं,भगवान का मथुरा से प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कालयवन का वध, उधव गोपी संवाद, ऊधव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना, द्वारका की स्थापना एवं रुकमणी विवाह आदि प्रसंगों का संगीतमय वर्णन किया। कथा के दौरान कथा वाचक शास्त्री जी ने कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया और महारास लीला द्वारा ही जीवात्मा से परमात्मा का  मिलन हुआ। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने 16 हजार 108 कन्याओं से विवाह कर उनके साथ सुखमय जीवन बिताया। श्री कृष्ण रुकमणी के विवाह का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि रुकमणी के भाई रुकमि ने उनका विवाह शिशुपाल के साथ सुनिश्चित किया था। लेकिन रुक्मणी ने संकल्प लिया था कि वह शिशुपाल को नहीं केवल गोपाल को पति के रूप में वरण करेंगी। उन्होंने कहा शिशुपाल असत्य मार्गी है और द्वारिकाधीश भगवान कृष्ण सत्य मार्गी है इसलिए वो असत्य को नहीं सत्य कोअपनायेंगी, अंत भगवान द्वारकाधीश जी ने रुक्मणी के सत्य संकल्प को पूर्ण किया और उन्हें पत्नि के रूप में वरण करके प्रधान पटरानी का स्थान दिया। रुक्मणी विवाह प्रसंग के महत्व को बताते हुए कथावाचक ने कहा कि जो प्रेमी भक्त  कृष्ण रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है,कन्याओं को अच्छे घर और वर की प्राप्ति होती है और दांपत्य जीवन सुखद रहता है। श्री कृष्ण रुकमणी विवाह के दर्शन कर श्रद्धालुओं ने भावविभोर होकर पुष्प वर्षा की, कथा स्थल पर पं केशव प्रसाद कौशिक, विवेक तिवारी, कपिल तिवारी,पं सुनील जी,यजमान श्री बृजमोहन, कैलाश चंद्र,महेश कुमार एवं प्रमोद कुमार पचौरी सपरिवार बंधु वांधवों , रिश्तेदार एवं ग्रामीणों सहित बड़ी संख्या में भक्तगण दर्शन हेतु शामिल हुए।







कोई टिप्पणी नहीं

एक टिप्पणी भेजें

© all rights reserved by Vipin Shukla @ 2020
made with by rohit Bansal 9993475129