कलेक्टर अक्षय की दुर दृष्टि से बनी बिजली
कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह एवम डैम प्रबंधन की दूर दृष्टि के चलते इस बार डैम के गेट खोलने में समय लगा यानि की उन्होंने डैम में पीछे से आने वाले पानी को देखते हुए बिजली का निर्माण पहले ही शुरू करवाया। 72 घंटे बिजली का निर्माण किया जा रहा है। अब जबकि विदिशा, भोपाल से आने वाली सिंध के तेवर तीखे हैं तब डैम के गेट खोले गए हैं।
पहली बार मोहिनी डेम के गेट खुले पहले
वैसे साल 2011 के बाद से जब मड़ीखेड़ा डैम के गेट लगे थे तब से बारिश में सबसे पहले मड़ीखेड़ा के गेट ओपन होते थे। लेकिन इस बार बिजली निर्माण हुआ और मड़ीखेड़ा से भरने वाले मोहनी सागर डैम फुल हुआ तो उसके गेट लगातार अंतराल में खुलने लगे थे। इस डेम से हर्सी डेम भरता है।
बीते साल बह गया था दतिया में पुल
पिछले साल संचार माध्यम की गड़बड़ी से मड़ीखेड़ा में अचानक जलस्तर बढ़ गया था। जिसके नतीजे में डैम के गेट एकाएक खोलने पड़े जिसने तबाही मचा दी थी। गांव के लोग अफवाह के चलते पहाड़ों पर चढ़ गए थे। जिला प्रशासन को स्थिति संभालने में तकलीफ हुई थी।
एकाएक हटाए गए थे अधिकारी
लापरवाही को लेकर तत्सम्य के कार्य पालन यंत्री एसके अग्रवाल को हटाया जाकर उनकी जगह मनोहर वोराट को चार्ज दिया गया था।
कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें