ग्वालियर-27 जुलाई। शिवपुरी स्थित सांख्य सागर झील को यूनेस्को द्वारा रामसर साइट में शामिल किया जाना अंचल के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, शिवपुरी वासियों को बधाई। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके पहले तक भोपाल की झील ही इस सूची में शामिल थी। यह बात नागरिक उड्डयन एवम इस्पात मंत्री द ग्रेट ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कही। श्री सिंधिया ने आशा व्यक्त की है कि शिवपुरी का नाम अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्तर पर पर उभरकर आएगा। यूनेस्कों के माध्यम से सांख्य सागर झील के विकास के लिये फण्ड भी मिल सकेगा।
श्री सिंधिया ने कहा कि हम ग्वालियर- चंबल अंचल को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय
पर्यटन के नक्शे पर लाने के लिए सतत प्रयत्नशील हैं, इसके तहत जहां कूनो पालपुर अभ्यारण्य में अफ्रीका से चीते आने वाले हैं वहीं शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में जल्दी ही शेरों की दहाड़ सुनाई देगी, श्री सिंधिया ने कहा कि पर्यटन के नक्शे पर स्थापित होने के बाद अंचल के लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध हो सकेगा। मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, चंदेरी को ओरछा एवं खजुराहो से जोड़कर एक नया पर्यटन सर्किट तैयार किया जाएगा, श्री सिंधिया ने कहा कि अंचल एवं पूरे मध्यप्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय भी लगातार प्रयासरत है, मध्यप्रदेश के सभी प्रमुख नगरों में लगातार उड़ानों की संख्या बढ़ाई जा रही है, ताकि लोग आसानी से एवं कम समय मे आवागमन कर सकें। श्री सिंधिया ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में देश एवं हमारा प्रदेश चहुँमुखी विकास की तरफ अग्रसर है।
रामसर साइट क्या है, वेटलैंड का मतलब जानिए
रामसर साइट वो है जो कि आर्द्रभूमि या वेटलैंड है जिसे रामसर कन्वेंशन के तहत सरंक्षित करने के लिए The Convention on Wetlands, की संधि के रूप में रूप में भी जाना जाता है, यूनेस्कों द्वारा 1971 में स्थापित एक intergovernmental environmental treaty है, ये संधि 1975 में लागू हुई थी, इसके द्वारा आर्द्रभूमियों के सरंक्षण और उसके संसाधनों के बुद्धिमतापूर्ण सतत उपयोग के सम्बंध में ये संस्था कार्य करती है और रामसर अतर्राष्ट्रीय महत्व के आर्द्रभूमियों की पहचान करता है, विशेषरूप से जलपक्षियों को आवास प्रदान करने के लिए। यूनेस्कों द्वारा अप्रैल 2022 में जारी सूची के अनुसार अब तक विश्व मे 2,437 रामसर स्थल हैं। इस दृष्टि से मध्यप्रदेश के शिवपुरी के सांख्य झील का रामसर साइट में शामिल होना बडी उपलब्धि है, ज्ञात हो कि इसके पूर्व प्रदेश में केवल भोपाल की झील ही इस सूची में शामिल थी।
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