लगन की पक्की हैं श्रीमंत
मंत्री श्रीमंत को जो करीब से जानते हैं उन्हें मालूम हैं की आप लगन की पक्की हैं। जो ठान लेती हैं उसे पूरा करके रहती हैं। सही मायने में उनके शब्दकोश में जटिल कुछ भी नहीं। असंभव को संभव कर दिखाने की उनकी पुरानी आदत है। आपको याद होगा जब श्रीमंत सांसद के बाद वापस शिवपुरी लौटी और विधायक बनीं तब नगर की हालत क्या थी। शहर उधड़ा पड़ा था। सड़कें जख्मी थीं। पेयजल को लोग भटकते थे। मड़ीखेड़ा योजना को सीवर योजना की तरह फेल कहा जाता था। लेकिन श्रीमंत ने एक एक विषय पर टाइम लाइन से काम किया। सड़कें बनीं, मड़ीखेड़ा के लिए रात दिन एक किया, जिस योजना पर भारी भरकम खर्च के बाद सरकार बिल्कुल भी राशि देने तैयार नहीं थी। श्रीमंत ने जो साधन उपलब्ध थे उन्हीं की दम पर और कुछ फंड लाकर असंभव योजना को साल 2017 में पूरा करवाया। आज नतीजे में पहला साल ऐसा बीता जब टैंकरों का शोर सुनाई नहीं दिया। समवेलों पर टैंकरों की कतार नजर नहीं आई। नगर को महानगरों की तर्ज पर सवारने के लिए थीम रोड की सौगात तो जेसे कल ही की बात है। Korona में उनकी मदद लोगों के जेहन में आज भी कायम है। खैर आज हुई भाजपा की बैठक के बहाने श्रीमंत की काबिलियत लिखने का मन हुआ सो लिख दिया। वास्तव में श्रीमंत कुछ पाने के लिए नहीं बल्कि दिल से जुड़कर शिवपुरी के लिए कुछ न कुछ करती ही हैं।

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