शिवपुरी। मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना...ये पंक्तियां इस जगह उल्लेख के लायक तो नहीं लेकिन जब देश में एक दूसरे को जोड़ने की जरूरत है तो नगर के समाजसेवी युवा वैभव कबीर कुक्कू भाई हिंदुस्तानी ने आज जो कमाल किया इसके लिए सेल्यूट तो बनता है। वैसे तो कुक्कू अभी तक 38 बार रक्तदान कर चुके लेकिन आज भीषण गर्मी उमस को भूलकर उन्होंने दोनों हाथ से दो यूनिट रक्तदान कर झंडे गाढ़ दिए। दरअसल आज दो मासूमों को रक्त की आवश्यकता थी। वो भी जल्द ऐसे में जब कुक्कू को पता लगा तो वे अपने दोस्त अमित सेठ जय माई ब्लड ग्रुप के साथ जिला अस्पताल जा पहुंचे और एक हाथ नहीं बल्कि दोनों हाथों से रक्तदान किया। उन्होंने एक हाथ से कुश पाल 18 माह तो दूसरे हाथ से शाहिद खान 3 साल के लिए रक्तदान किया। पूछा तो बोले, आज की खुशी का कोई मुकाबला नहीं
आज फिर मुझे रक्तदान करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और जितनी खुशी पिछली 38 बार रक्तदान करने पर नही हुई उससे ज्यादा खुशी आज प्राप्त हुई, क्योंकि दुनिया में सबसे बड़ा धर्म है इंसानियत। आज मेरे दोनो हाथों से एक साथ 2 यूनिट ब्लड निकाला गया। जिसमें 1 यूनिट ब्लड कुश पाल 18 महीने के बच्चे के लिए औऱ दूसरा ब्लड शाहिद खान 3 बर्ष के बच्चे के लिए निकाला। मज़हब, धर्म कोई भी हो लेकिन इंसानियत है तो दोनो धर्म भुजाओं की तरह समान है।
आपका ही
कुक्कू भाई हिंदुस्तानी सड़क पर सजग कर जगाते हैं अलख
आपने ट्रैफिक पुलिस के जागरूकता अभियान में कलेक्टर अक्षय, एसपी राजेश चंदेल के साथ अक्सर एक रोबीली कद काठी के नौजवान को यमराज बन हाथ में गदा लिए देखा होगा। ये व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि कुक्कू वैभव कबीर ही हैं। जो लोगों को सड़क पर हेलमेट लगाकर चलने, वाहन धीरे चलाने प्रेरित करते हैं और गदा दिखाकर कहने हैं बात नहीं मानी तो मेरे पास यानी यमराज के पास आ जाओगे।
अपनी मां की याद में चलाते हैं रक्त समूह
कुक्कू का अपना खुद का रक्तदान समूह हैं। नगर में चर्चित तीन रक्तदान ग्रुप में से एक विद्या मां ब्लड ग्रुप का संचालन वैभव कबीर कुक्कू करते हैं। यह ग्रुप उनकी मां की याद में संचालित होता है। आप समझ गए होंगे की कुक्कू सिर्फ रक्त लेना नहीं बल्कि खुद देना भी जानते हैं। अब तक सैकड़ों लोगों की रक्त नलिकाओं में कुक्कू रक्त वहा चुके हैं और उनकी जान बचाई हैं।

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